Kanpur: हुजूर बचाइये! होमगार्ड भी करोड़ों की गाड़ी का कर देते चालान...परिवहन मंत्री से मिले ट्रांसपोर्टर्स, सामने रखी ये मांगे...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। कानपुर के ट्रांसपोर्टर्स ने लखनऊ में परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह से मुलाकात करने के बाद कानपुर में संभागीय परिवहन अधिकारी से मुलाकात की। कहा कि हुजूर करोड़ों की गाड़ी को होमगार्ड भी रोक लेते हैं और उसका चालान कर देते हैं जबकि होमगार्ड को चालान करने का अधिकार नहीं है।

मंगलवार को कानपुर क्षेत्रीय बस आपरेटर्स जन सेवक एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव पाठक, उपाध्यक्ष अमितेश अंशवानी, महामंत्री संजय वाजपेयी और लक्की अरोड़ा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ में परिवहन मंत्री से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस से वाहनों के चालान का अधिकार वापस लेने की मांग की। 

उन्होंने कहा कि ये कार्य आरटीओ का है, उसी को करने दिया जाए। परिवहन मंत्री को बताया कि बस व्यवसाय अत्यधिक समस्याओं से जूझ रहा है और बंदी के कगार पर है। इस व्यवसाय को बचाने के लिए मंत्री को कई सुझाव दिए गए। बस आपरेटर्स ने साहिबाबाद के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा से भी मुलाकात करके उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। 

ये मांगें की गईं

1-    पुलिस द्वारा गलत तरीके से किए जा रहे ई चालान के कारण आम जनमानस एवं ट्रांसपोर्ट व्यवसायी परेशानियों से जूझ रहा है। ई चालान से सरकार की छवि जनता के बीच गलत जा रही है, लिहाजा ई चालान का काम पुलिस से वापस लिया जाए। 
2-    बसों की समय सीमा 15 साल निर्धारित है जबकि आल यूपी परमिट सिर्फ 12 साल के लिए मिलता है, लिहाजा परमिट की अवधि 15 वर्ष बढ़ाई जाए। 
3-    बसों पर मासिक कर अत्यधिक होने के कारण जमा करने में बस वालों को अत्यधिक असुविधा होती है।
4-    अपरिहार्य कारणों से यदि बस को अविलंब कहीं भेजना हो तो अधिकारियों द्वारा पूर्व की भांति अस्थाई परमिट जारी करने की व्यवस्था हो ताकि फीस अगले दिन जमा हो सके। 
5-    विभाग के सभी कार्य आनलाइन और आफलाइन दोनों होना चाहिए क्योंकि अक्सर दो से तीन दिन तक सर्वर काम नहीं करता है।
6-    3X2 बसों को आल इंडिया परमिट जारी किया जाए।

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