प्रयागराज: उच्च शिक्षा निदेशालय पर मांगो को लेकर गरजे सूबे के शिक्षक, घेरेंगे विधानसभा
26 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रयागराज में जुटे प्रदेश भर के उच्च शिक्षक
प्रयागराज, अमृत विचार। बुधवार को उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (फुपुक्टा) के आवाहन पर एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय में किया गया। बारिश के बीच पूरे प्रदेश के महाविद्यालय शिक्षक संघों के पदाधिकारीगण एवं अध्यापक मौजूद रहे। धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व फुपुक्टा के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र चौहान और महामंत्री प्रो. प्रदीप कुमार सिंह ने किया। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय,लखनऊ विश्वविद्यालय,सिद्धार्थ विश्वविद्यालय आजमगढ़ विश्वविद्यालय,काशी विद्यापीठ, बलिया विश्वविद्यालय आदि के शिक्षकों इसमें मौजूद रहे।
अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशालय आज भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। हर छोटे-छोटे कार्यों के लिए शिक्षकों से धन उगाही की शिकायत लगातार आती रहती है। इस विशाल जनसभा ने साबित किया कि शिक्षक समुदाय निदेशालय के क्रियाकलापों और उसके आदेशों से कितना पीड़ित है। महामंत्री प्रो. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा यदि निदेशालय आज हमारी मांगों को नहीं मानता है तो यह धरना मात्र शिक्षकों की तरफ से एक शुरुआत है। आगामी समय में हम क्रमिक धरना प्रदर्शन करेंगे फिर भी यदि निदेशालय अपना अड़ियल रवैया बनाए रखता है तो शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक पदों का स्थायीकरण ना होना राज्य कर्मियों की तरह शिक्षकों को चिकित्सीय व्यवस्था न मिलाना यह दोयम दर्जे का व्यवहार शासन के द्वारा शिक्षकों के प्रति किया जा रहा है। विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने एक सुर में शिक्षकों के मांग अविलंब मानने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय का आह्वाहन किया।
प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, प्रयागराज (प्रसुआक्टा) के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार पचौरी ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति 65 वर्ष किए जाने की जाने के साथ बायोमेट्रिक आदेश वापस लेने की मांग की। कहा कि शिक्षकों को कभी भी मजदूर के श्रेणी में नहीं रखना चाहिए।
फुपुक्टा के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह, महामंत्री प्रो.प्रदीप कुमार सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. हिमांशु सिंह, डॉ० अजीत सिंह, डॉ. शिव प्रकाश यादव, संयुक्त मंत्री डॉ. गंगेश दीक्षित, डॉ. रवि चौरसिया, जोनल सेक्रेटरी डॉ. श्योराज सिंह, डॉ. भारतेन्दु मिश्र, डॉ. आर.एम. यादव, डॉ. एस.के. सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल यादव, बलिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.अखिलेश राय, अवध विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय प्रताप सिंह एवं महामंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, बरेली विश्वविद्यालय के डॉ.स्वदेश सिंह, लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय, डॉ. ध्रुव त्रिपाठी, काशी विद्यापीठ के महामंत्री डॉ. दिवाकर, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह ए.आई. पुक्टा के पूर्व जोनल सेक्रेटरी डॉ. राजेश चंद्र मिश्र, प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय के महामंत्री डॉ० विपिन कुमार, उपाध्यक्ष डा प्रणव ओझा, डॉ. सत्य प्रताप सिंह, डॉ. रमेश चंद्र शुक्ल, डॉ. अल्का तिवारी, डॉ. संतोष पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रताप सिंह, डॉ. पवन पचौरी, डॉ. अरूण तिवारी, डॉ. संतोष पाण्डेय, डॉ. विवेक निराला, डॉ. सतीश त्रिपाठी, डॉ. माया शंकर, डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. रजवंत सिंह, डॉ. रंजीत पटेल, डॉ. विपीन सिंह, डॉ.प्रथमेश पाण्डेय सहित आजमगढ़ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. एस.जेड.अली महामंत्री, डॉ. इन्द्रजीत, डॉ. मनमोहन, डॉ. स्मिता मिश्रा, आगरा विश्वविद्यालय के डॉ. विक्रम सिंह, अध्यक्ष डॉ. ओमवीर सिंह आदि सहित हजारों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे। संचालन फुपुक्टा के प्रसुआक्टा महामंत्री डॉ. विपिन कुमार ने किया।
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