एक्शन में पुलिस: बलिया के बाद आजमगढ़ और मऊ के अपराधियों पर कसा शिकंजा, मुख्तार अंसारी की पत्नी पर 50 हजार का इनाम

Amrit Vichar Network
Published By Sunil Mishra
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अमृत विचार लखनऊ: बलिया में वसूली गैंग का कमर तोड़ने के बाद जिन अपराधियों पर इनाम घोषित किया गया है वो लंबे समय से फरार चल रहे हैं। पुलिस के लिए चुनौती बने इन कुख्यातों को पकड़ने के लिए अब नई रणनीति तैयार हो चुकी है। डीआईजी वैभव कृष्ण ने इन्हें दबोचने के लिए चौतरफा जाल बिछा दिया है।

बनारस जोन के एडीजी पियूष मोर्डिया और आजमगढ़ के डीआईजी रेंज वैभव कृष्णा ने कई दशक से चल रह वसूली के खेल का हालही में पर्दाफाश किया था। बलिया-बक्सर (बिहार) सीमा पर स्टिंग ऑपरेशन में नरही चौकी पुलिस के साथ कई दलालों को गिरफ्तार किया था। यह पुलिस वाले कई साल से बार्डर पार करने वाले ट्रकों से हर रात लाखों रुपये की वसूली करते थे। पुलिस के शुरूआती जांच में हर रात 5 लाख रुपये के हिसाब से महीने के डेढ़ करोड़ रुपये वसूली की रकम का भांडाफोड़ हुआ था। इस कार्रवाई की गूंज प्रदेश से लेकर दिल्ली तक पहुंची थी। पूरा प्रदेश इस कार्रवाई को नजीर की तरह देख रहा है। दोनों जांबाज अफसरों की कार्यशैली देख सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनपर भरोसा जताया और जीरो टॉलरेंस की नीति पर अपराध का खात्मा करने के लिए उन्हें फ्री हैंड दिया है। सीएम के आदेश पर डीआईजी ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। अब दोनों जिलों के ऐस अपराधियों की तलाश शुरू हुई है जो समाज के लिए लंबे समय से खौफ का सबब बने हुए हैं।

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