बाराबंकी: नई धाराओं में एक माह में दर्ज हुए 792 मुकदमे, कई चार्जशीट की कगार पर

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Published By Deepak Mishra
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कानून की नई किताब पढ़ने में विवेचक को शुरू में हुईं दिक्कतें

बाराबंकी, अमृत विचार। गृह मंत्रालय द्वारा बीते एक जुलाई को लागू हुई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत प्रतिदिन लगभग 25 से 30 मुकदमे नई धाराओं के तहत जिले भर के सभी थानों में दर्ज किए गए हैं। इनमें छेड़छाड़, मारपीट, चोरी, धोखाधड़ी, धमकी, दुर्घटना सहित अन्य कई धाराओं के मुकदमे शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस एक माह के अंदर नई धाराओं के तहत करीब 792 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 

इन मुकदमों की विवेचना करने में कुछ दिन तक तो जांच अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अपने उच्चाधिकारियों की मदद व पूर्व में मिले प्रशिक्षण से वह विवेचना की जांच का क्रम आगे बढ़ाने में सफल रहे है। हालांकि गृह विभाग द्वारा जारी एक एप के माध्यम से पुरानी धाराओं को नई धाराओं में बदलने की जानकारी भी काफी कारगर साबित हुई है। 

बताते चलें कि बीते 30 जून की रात 12 बजे के बाद देश में नई भारतीय संहिता लागू की गई थी। अंग्रेजों के जमाने की धाराओं के स्थान पर नई धाराओं को इसमें लागू किया गया था। नए कानून की धाराओं को लेकर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर नई धाराओं के बारे में जानकारी दी गई थी। इसके बाद पुलिस विभाग के थानों में आने वाली शिकायतों, आपराधिक घटनाएं घटित होने पर नए कानून की धाराओं में मुकदमा दर्ज करना शुरु कर दिया गया था। 

हालांकि शुरुआत में मुकदमा दर्ज करने के लिए नई धाराओं को लेकर प्रभारी निरीक्षक, उप निरीक्षक और मुंशियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन नई न्याय संहिता की किताब रखे रहने के साथ ही गृह विभाग द्वारा जारी एक एप में पुरानी धाराओं को दर्ज कर उसे संबंधित नई धाराओं में बदले जाने की व्यवस्था से ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। 

एक जुलाई से 31 जुलाई तक जिले के विभिन्न थानों और कोतवालियों में नए कानून की धाराओं में 792 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिसमें छेड़छाड़, मारपीट, चोरी, धोखाधड़ी, धमकी और दुर्घटना सहित अन्य कई धाराओं के मुकदमे शामिल रहे। इसके साथ मारपीट व गाली गलौज के मामलों में नई धाराओं में एनसीआर दर्ज की गई है। इन दर्ज मुकदमों की विवेचना भी जांच अधिकारी कर रहे हैं। कुछ एक मुकदमे तो ऐसे भी हैं जो चार्जशीट लगने के करीब पहुंच गए हैं। इससे पीड़ित को जल्द न्याय मिल सकेगा।

विवेचकों के लिए वीडियो साक्ष्य सबसे मजबूत

मुकदमे की विवेचना के दौरान पूर्व में पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य संकलन व जनता के किसी भी गवाह के बयान लिख लेती थी, लेकिन नए कानून में अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। अब विवेचक द्वारा सब कुछ वीडियो कैमरे की निगरानी में किया जा रहा है। विवेचना के दौरान पुलिस साक्ष्य के रूप में वीडियो रिकार्ड कर रही है। इससे एक मजबूत साक्ष्य मिल रहा है।

जिले में एक महिला समेत हैं 23 थाने और कोतवाली

जिला मुख्यालय पर एक महिला थाने के अलावा नगर कोतवाली, देवा, फतेहपुर, रामसनेहीघाट, हैदरगढ़, सुबेहा, बदोसरांय, रामनगर, लोनीकटरा, मसौली, घुंघटेर, कुर्सी, बड्डूपुर, मोहम्मदपुर खाला, टिकैतनगर, जैदपुर, सतरिख, कोठी, जहांगीराबाद, असंद्रा, सफदरगंज व दरियाबाद हैं।

एक माह के अंदर नई धाराओं के तहत करीब 792 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पीड़ितों को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता है। शुरुआत के कुछ दिनों में तो दिक्कतें हुईं, लेकिन अब जांच अधिकारियों को कोई परेशानी नहीं हो रही.., चिरंजीव नाथ सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक।

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