Unnao News: युवक की हत्या में पत्नी सहित चार को आजीवन कारावास...युवक की गला दबाकर की थी हत्या
कोर्ट के निर्देश पर माखी थाना में दर्ज हुई थी रिपोर्ट
उन्नाव, अमृत विचार। पत्नी को विदा कराने गए पति को जहरीला पदार्थ देने के बाद गला दबाकर की गई हत्या के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पत्नी सहित पिता व भाई-भाभी को आजीवन कारावास के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सभी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले की रिपोर्ट कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई थी।
आसीवन थानाक्षेत्र के कस्बा रसूलाबाद के मोहल्ला विनोबा नगर निवासी रामप्रसाद ने कोर्ट के आदेश पर मिलने पर माखी थाना में अपने भाई राम सिंह की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने भाई की हत्या करने का आरोप उसकी पत्नी सहित उसके माता-पिता व भाई-भाभी पर था। राम प्रसाद ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसके भाई राम सिंह की शादी माखी थानाक्षेत्र के सुदेशा बहादुरपुर (भदेसा) गांव निवासी रूबी पुत्री नान्हू से सन-2012 में हुई थी।
शादी के बाद रूबी अपने मायके में अधिक रहती थी। 12 अक्टूबर-2013 को भाई अपनी पत्नी को लेने ससुराल गया था। राम सिंह ने अपने भाई को फोन कर बताया था कि उसके ससुर ने खेती का मामला निपटने के बाद दो, तीन दिन में बेटी को विदा करने को कहा है और उसे भी रोक लिया था। 17 अक्टूबर-2013 की देररात उसे गांव के एक युवक से ससुराल में भाई की हत्या किए जाने की जानकारी मिली थी।
इस पर वह सुबह भाई की ससुराल पहुंचा तो राम सिंह का शव उसकी ससुराल में छत पर पड़ा था। शव देख लग रहा था कि उसे कोई जहरीला पदार्थ देने के बाद गला दबाकर मारा गया था। सूचना पर माखी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था। लेकिन हत्या की रिपोर्ट नहीं दर्ज की थी। बताया कि रूबी एक लड़के के साथ बाइक से बाजार गयी थी। यह उसके भाई राम सिंह ने देख लिया था।
इसी बात को लेकर पत्नी से विवाद हुआ था। लेकिन भाई के ससुर नान्हू, सास मूलन देई, साले संतोष ने किसी तरह मामला शांत करा दिया था। लेकिन रात में भाई को नशीला पदार्थ खिलाकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने जब उसकी नहीं सुनी तो उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 156(3) के तहत पड़े प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज करते हुए जांच करने को कहा गया था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को 29 सितंबर-2015 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
आईओ अवनीश यादव ने नामजद सभी आरोपियों के विरुद्ध आठ अक्टूबर-2015 को चार्जशीट दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता यशवंत सिंह की ओर से पेश की गई दलीलों को सुनने के बाद एडीजे स्वतंत्र प्रकाश ने रूबी उसके पिता नान्हू, भाई संतोष, भाभी निशा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया। वहीं मुकदमे के ट्रायल के दौरान एक आरोपी मूलनदेई की मौत हो गई थी।
पिता की गैर इरादतन हत्या के दोषी बेटे को 10 साल की सजा
सफीपुर थानाक्षेत्र के ककरौरा गांव निवासी सरोज ने 11 नवंबर-2022 को मामूली बात पर अपने पिता पप्पू पर डंडे से वारकर घायल कर दिया था। जिसमें पिता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने अगले दिन बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आईओ सुरेंद्र कुमार ने 15 दिसंबर-2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। मुकदमे की अंतिम सुनवाई पूरी होने पर एडीजे जयवीर सिंह नागर ने शासकीय अधिवक्ता हरीश अवस्थी, विश्वाश त्रिपाठी व अलंकार द्विवेदी की दलील व साक्ष्य के आधार पर सरोज को 10 साल की सजा के साथ 40 हजार रुपये के जुर्माने के भी निर्देश दिये है।
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