18 दिन बीतने पर भी नहीं लगा सुराग : कालीचरण के परिवार व सस्पेंड वार्डरों का सर्विलांस पर लगा फोन
प्रयागराज, अमृत विचार । केंद्रीय कारागार नैनी से 20 जुलाई को बाग़ कमान से फरार हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी सजायाफ्ता काली चरण को पुलिस और एसटीएफ 18 दिनों बाद भी नहीं पकड़ सकी है। मध्य प्रदेश का खाक छान चुकी पुलिस ने अब उसके परिवार, रिश्तेदार के साथ सस्पेंड किये गये वार्डरों का मोबाइल नंबर सर्विलांस में लगा दिया है। जिसकी निगरानी पुलिस लाइंस से लगातार की जा रही है।
नैनी जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी काली चरण के फरार होने के बाद मामले में जेल प्रशासन ने तीन वार्डर आशुतोष चतुर्वेदी, बृजेश यादव, अभिषेक सिंह व हेड वार्डर बलबीर सिंह को सस्पेंड किया था। इसके बाद आशुतोष चतुर्वेदी, बृजेश यादव, व हेड वार्डर बलबीर सिंह को कैदी की तलाश के लिए वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल ने महोबा भेजा था। जहां से टीम खाली हांथ वापस लौट आई थी।
उसका वहां भी कोई सुराग नही लग सका। कैदी के फरार होने के बाद एसटीएफ और स्थानीय पुलिस लगातार उसके परिवार और रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। वहीं पुलिस ने काली चरण के परिवार और उसके रिश्तेदारों के साथ सस्पेंड वार्डरों का मोबाइल नंबर सर्विलांस में लगाया है। जिससे किसी के माध्यम से कोई लोकेशन मिलने पर काली चरण को गिरफ्तार किया जा सके।
पहली पत्नी के घर पर भी लगाई गई पुलिस
जेल सूत्रों के मुताबिक टीम कालीचरण के घर पहुंच कर उसकी पत्नी रोशनी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की थी। वहां से जानकारी हासिल करने के बाद टीम उसके पहली पत्नी सोनी के घर गई थी। जहां से टीम को पहली पत्नी सोनी ने पूरी बात बताई। पहली पत्नी सोनी अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है।
पता चला है कि कालीचरण की पहली शादी सोनी से हुई थी। किसी बात को लेकर मन मुटाव हुआ और वह सोनी को छोड़ दिया। जिसके बाद उन लोगों ने काली चरण के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। सोनी से बदला लेने के लिए कालीचरण फरार होने के दो दिन पहले उसके घर पहुंचा था, लेकिन पुलिस को खबर मिलने के बाद वह वहां से भाग निकला। जिसके बाद सोनी के घर पर भी पुलिस को लगाया गया है।
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