महिला पुलिसकर्मियों का सराहनीय कार्य: मासूम दिव्यांश को खाकी ने संभाला, नये कपड़े पहना, दूध पिला दुलारा
लखनऊ, अमृत विचार। उन्नाव निवासी अंजलि की केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में बुधवार को भी हालत नाजुक बनी है। फिलहाल मां के मरणासन्न होने की बात से अनजान दो वर्षीय बेटा दिव्यांश पुलिस के पास रहा। घटना के बाद सड़क किनारे रो रहे मासूम दिव्यांश का करीब आठ घंटे पुलिसकर्मी सहारा बने रहे। महिला पुलिसकर्मियों ने नये कपड़े पहनाये और दूध पिला कर उसे दुलारा। बाद में उसे बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सुपुर्द कर दिया गया।
बता दें कि मंगलवर को जिस समय अंजली ने खुद को आग के हवाले किया था, दिव्यांश कुछ दूरी पर ही बैठा रो रहा था। घटना के बाद महिला पुलिसकर्मियों ने बच्चे को संभाला और गोद में उठाकर उसे हेल्प डेस्क केबिन में ले गईं थी। इसके बाद गौतम पल्ली थाने की हेल्प डेस्क पर तैनात महिला सिपाही ममता देवी, राप्ती चावला और जीडी पर कार्यरत आरती मौर्या ने दिव्यांश के लिए हजरतगंज से नए कपड़े खरीद और डायपर पहनाया। इसके बाद भूख से बिलख रहे दिव्यांश को गिलास से दूध पिलाया गया, हालांकि मां को आसपास न देखकर वह बार-बार रोने लगता था।
महिला सिपाहियों के दुलारने पर दिव्यांश चुप हो जाता था। यह सिलसिला बार-बार चलता रहा। इस दौरान महिला सिपाहियों ने बारी-बारी बच्चे को संभाला। इसके अलावा मोबाइल फोन पर कार्टून दिखाकर चुप कराया। इस बीच थाने पर आई एक पीड़िता के पास बच्चा देखकर आरती ने उसे बुला लिया। तब दोनों बच्चे काफी देर तक साथ में खेलते रहे। महिला पुलिसकर्मियों ने गौतम पल्ली थाने में करीब 8 घंटे तक उसे संभाले रखा। मंगवार देर शाम उसे सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया।
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