Kanpur के GSVSS PGI में एक वर्ष बच्चे की भी एंडोस्कोपी: गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग को मिले 4 अत्याधुनिक एंडोस्कोप

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Published By Nitesh Mishra
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जीएसवीएसएस पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग को मिले 4 अत्याधुनिक एंडोस्कोप

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएसएस पीजीआई में अब 1 वर्ष के बच्चे की भी एंडोस्कोपी हो सकेगी। गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग को 4 अत्याधुनिक एंडोस्कोप उपलब्ध कराए गए हैं,  इनकी मदद से अल्सर, एसिड रिफ्लक्स, खाद्य एलर्जी, संक्रमण और सीलिएक रोग का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। 

पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलाजी विभाग में कुछ बीमार बच्चे तो 1 से 5 साल उम्र के आते हैं। ऐसे में कभी-कभी अल्ट्रासाउंड से उनकी स्थिति साफ नहीं हो पाती है। जीएसवीएसएस पीजीआई के गैस्ट्रो विभाग के डॉ. विनय कुमार ने बताया कि आधुनिक एंडोस्कोप की मदद से अग्न्याशय और यकृत सहित आसपास के अंगों में भी समस्याओं की जांच संभव है। 

अत्याधुनिक एंडोस्कोप की मदद से व्यस्कों में पैंक्रियाज के कैंसर की जांच के साथ ही बायोप्सी लेने की भी सुविधा आसान हो जाएगी। पैंक्रियाज के कैंसर के साथ भीतरी अंग का अध्ययन कर बीमारी का इलाज करना आसान होगा। 

बच्चे के गले में फंसी वस्तु बिना सर्जरी निकलेगी

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि अभी जरूरत पर व्यस्कों की एंडोस्कोपी मशीन से ही बच्चों की जांच की जाती थी, जिसकी कुछ सीमाएं होती हैं। लेकिन अत्याधुनिक एंडोस्कोप से बच्चों की पूरी जांच-पड़ताल संभव होगी। अगर किसी बच्चे ने गलती से कोई चीज मुंह में डाल ली और गले में फंस गई तो उसे एंडोस्कोपी की मदद से बिना सर्जरी के बाहर निकाला जा सकेगा।

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