बाराबंकी: जलस्तर बढ़ा, कटान तेज, 65 घरौंदे बनेंगे नदी का निवाला

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Published By Vishal Singh
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कोई हथौड़े से तोड़ रहा अपना आशियाना तो कोई समेट रहा अपना सामान

सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के संग ही कटान और तेज हो गई। बबुरी गांव का अस्तित्व मिटाकर नदी केदारीपुर गांव में लगभग डेढ़ दर्जन घरों को अपने आगोश में लेकर नष्ट कर चुकी है। जबकि शेष घर समाप्त करने के लिए बेताब है। शुक्रवार को चार घर कटने के बाद रात्रिभर में एक दर्जन घर और नदी में समा गए हैं। वहीं सम्पर्क मार्ग कटने के बाद बाढ़ पीड़ितों का पलायन कार्य भी ठप हो जाएगा। कच्चे चकमार्ग से ट्रैक्टर ट्रॉली तो गुजरना दूर पैदल चलना किसी मुसीबत से कम नही होगा।

बढ़े हुए जलस्तर और तीव्र गति से हो रहे कटान के संग सरयू नदी के विनाशलीला जारी है। पाई-पाई जोड़ कर बनाए हुए लगभग 65 ग्रामीण के घरौंदे को अब नदी अपना निवाला बनाने को बेताब है। इससे  यहां साढे चार सौ से अधिक परिवार बेघर होकर ऊंचे स्थानों या सड़क किनारे शरण लेने को मजबूर हैं। यह कटान पीड़ित सड़क के किनारे त्रिपाल-बरसाती तानकर अपने परिवार सहित गुजारा करने को मजबूर हैं और प्रशासन के सहयोगों का इंतजार कर रहे हैं। 

कटान प्रभावित गांव केदारपुरी का यह आलम है की पीड़ित कटान के डर से खुद अपने आशियानों पर हथौड़े चला उसे तोड़ रहे हैं। गृहस्थी के सामान संग में घर के मलबा सुरक्षित स्थान पर पहुंचा भी रहे हैं उधर सुंदरनगर, बेलहरी, बाबपुरवा, मदरहा और कोडरी आदि गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। सरसंडा का स्कूल भी कटान के जद में आ चुका है। वहीं नदी से स्कूल की दूरी भी बीस मीटर बची है। 

इनके घर नदी में समाए
कटान से पीड़ित भयभीत है तो कटान करती लहरो ने कुछ घंटें में एक दर्जन घर को अपने चपेट में ले लिया। जिसमें मुकेश, प्रवेश, ननके, सुरेश के बाद अब रूपरानी, बाबूराम अनिल कुमार, रिंकू, अनुज, अमरेश,दुर्गा, रामशंकर, राज कुमार, राजेंद्र छोटे, रघुवर दयाल के पक्के आशियाने भी शामिल हैं। वहीं आशीष, दिलीप,रोहित एवं शिवराज के घर नदी के जद पर लटके हुए हैं। उधर छोटे लाल, इंद्र बेच्चू, अमृतलाल और प्रेम  दीक्षित के घर करार पर है तो लोग अपने सामने ही घर को नदी में समाता हुए देख रहे हैं।

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