Kanpur: कोलकाता रेप केस के बाद स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला; सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में रहेंगे सुरक्षा गार्ड
कानपुर, अमृत विचार। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद हुए देशव्यापी आंदोलन में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है। इसे देखते हुए शासन ने सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुरक्षा गार्ड तैनात करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।
जल्दी ही जिला अस्पताल उर्सला, जिला महिला अस्पताल डफरिन, कांशीराम संयुक्त अस्पताल तथा केपीएम में सुरक्षा गार्डों के रूप में सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के लिहाज से जरूरी व्यवस्थाएं नहीं हैं। इसके चलते आए दिन मरीज, तीमारदार या डॉक्टर और स्टाफ के बीच अप्रिय घटना होती रहती है। अस्पतालों में अराजक तत्वों का जमावड़ा भी रहता है, जिसके कारण मोबाइल, पर्स या अन्य समान की चोरी की घटनाएं भी होती रहती हैं।
असमाजिक तत्वों से महिलाओं व युवतियों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। इस सब पर रोकथाम के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ ही सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनाती की जाएगी।
1 सितंबर से सेवाएं देंगे सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी
सीएमओ डॉ.आलोक रंजन ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के लिहाज से 300 सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की तैनाती के संबंध में पत्र लिखा गया था, जिस पर मंजूरी मिल गई है। उर्सला, डफरिन, कांशीराम अस्पताल, केपीएम समेत सभी सीएचसी व पीएचसी में सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों की तैनाती गार्ड के रूप में एक सितंबर से की जाएगी।