कासगंज: सेहत के लिए घातक बना मौसम का बदलाव, जिला अस्पताल में बढ़े मरीज

एक सप्ताह में दोगुनी हो गई मरीजों की संख्या, लाचार दिखाई दे रहा सिस्टम

कासगंज: सेहत के लिए घातक बना मौसम का बदलाव, जिला अस्पताल में बढ़े मरीज

कासगंज, अमृत विचार। बदलते मौसम में संक्रामक रोग फैलने लगे हैं। रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। सामान्य दिनों की अपेक्षा इन दिनों जिला अस्पताल में रोगियों की दो गुना भीड़ पहुंच रही है। पिछले सात दिनों से दो गुना अधिक रोगियों ने पंजीकरण कराए हैं। इधर रोगियों की संख्या बढ़ जाने से जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। यहां अपेक्षित लाभ रोगियों को नहीं मिल पा रहा।

सुबह 11:00 बजे ओपीडी में बड़ी संख्या में रोगी पहुंचे। यहां सुरक्षा कर्मियों ने रोगियों को कतार में खड़ा किया था। सबसे अधिक भीड़ कमरा नंबर 11 की ओपीडी में थी। यहां डा. आनंद स्वरूप मरीजों को परामर्श दे रहे थे। इसके अलावा अन्य ओपीडी में भी काफी भीड़ रही। जिला अस्पताल का प्रतिक्षालय यहां तमाम रोगी बैठे हुए थे। तीमारदार उनके साथ थे। रोगी राकेश बुखार से पीड़ित होने के साथ-साथ दर्द से कराह रहा था। परेशान होकर बेंच पर लेट गया। तीमारदार उसकी बारी का इंतजार कर रहे थे। अन्य लोग भी यहां परेशान दिखाई दे रहे थे। वहीं पंजीकरण केंद्र पर कतार लगी हुई थी। महिला और पुरुष अलग-अलग कतारों में थे। यहां पंजीकरण कर रहे कर्मचारी रोगियों से पूछ रहे थे किस बीमारी की दवा लेनी है। उसी के आधार पर कर्मचारी पंजीकरण कर कक्ष संख्या बताते हुए संबंधित चिकित्सक के पास भेज रहे थे। जिससे कि रोगियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। जिला अस्पताल का जांच केंद्र कक्ष संख्या 28 में अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सीटी स्कैन होते हैं। यहां काफी भीड़ थी। जांच के लिए तमाम रोगी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। तमाम रोगियों की जांच कर्मचारियों द्वारा की जा रही थी। स्वास्थ्य कर्मी उन्हें रिपोर्ट देने का भी समय बता रहे थे। अल्ट्रासाउंड के लिए सबसे अधिक मारामारी दिखाई दी। यहां एक्स-रे और सीटी स्कैन के भी काफी मरीज थे। 

आंकड़ों की नजर में
 - 600 से 700 रोगी सामान्य दिनों में कराते थे पंजीकरण 
- 15 सौ 16 सौ रोगी अभी करा रहे पंजीकरण 

वर्जन
मौसम परिवर्तन के कारण रोगियों की संख्या बढ़ी है। जिससे भीड़ अस्पताल में बढ़ गई है। सभी रोगियों को संबंधित चिकित्सक परामर्श दे रहे हैं और निशुल्क दवाइयां भी दिलाई जा रही है। जरूरत के आधार पर जांच कराई जा रही है। - डा.संजीव सक्सेना , मुख्य चिकित्सा अधीक्षक