बाराबंकी : करोड़ों खर्च, दूर नहीं हुई धनाेखर तालाब की बदहाली, डेंगू मच्छरों के लिये बना वरदान

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

 बाराबंकी, अमृत विचार । शहर के मध्य में स्थित ऐतहासिक धनोखर तालाब पर अब तलक करोड़ों रूपए खर्च कर दिए गए पर यह केवल सुंदर नहीं हो सका। सौन्दर्यीकरण के नाम पर कागजों पर रूपया बहाया गया। तालाब के किनारों की बात कौन करे तालाब के अंदर भरा पानी बारिश से एकत्र है और कूड़े व गंदगी से भरा होने की वजह से खुली धूप में बदबू का जनक बन गया है।

तालाब के बीचोंबीच का पानी काई से पट गया है। अब जबकि डेंगू जैसी बीमारियों का मौसम आने ही वाला है, यह पानी इनके लिए वरदान से कम नही। धनोखर तालाब के हालात कहीं से भी सुधरे नहीं हैं। तालाब के सौन्दर्यीकरण के नाम पर बस रूपया बहाया गया है। किनारे लगी रेलिंग टूटती जा रही। थोड़ी ही दूरी पर खुला मूत्रालय बना हुआ है, जिसका गंदा पानी इसमें गिरता है साथ ही तालाब से जुड़े नालों में भी पानी लंबे समय से जमा हुआ है।

रही बात तालाब की तो इसमें पानी भी बारिश का ही जमा हो रहा और काई व गंदगी युक्त पानी मच्छरों को जन्म देता जा रहा। हाल ही में श्री कृष्ण जन्माष्टमी से दो दिन पूर्व तालाब के अंदर जमी घास तो हटा दी गई पर पानी साफ करने पर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा यह कि गंदा व कूड़े से भरा पानी अब बदबू करने लगा है। तालाब के ऊपरी किनारों पर बना पैदल पथ वाहनों की पार्किंग बन गया है। लिहाजा आम शहरी शाम ढलने पर यहां घूमने से भी परहेज कर रहे हैं। दिन में तालाब की रेलिंग कपड़े सुखाने के काम आ रही।  

सीपेज न होने से जलभराव की समस्या

नगरपालिका परिषद में तैनात सफाईकर्मियों की लंबी चौड़ी फौज शहर को साफ सुथरा नहीं रख पा रही। शहरवासी गंदगी, जलभराव, बदबू देते कूड़ाघर व बजबजाती नालियों के बीच रहने को मजबूर हैं। लखपेड़ाबाग के मोहल्ला महर्षिनगर जाने वाली सड़क पर एक नजर डाली जाए तो यहां पर लंबे समय से बारिश का पानी भरा हुआ है। सफाई न होने के चलते इस पानी पर काई जम गई है अगर यहां पर जलनिकासी की सही व्यवस्था होती तो यह पानी यहां पर न ठहरता। विवश होकर लोगबाग किनारे से होकर गुजरने को मजबूर हैं।

यह भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2024: कब है गणेश चतुर्थी 6 या 7 सितंबर! कैसे रखना है व्रत

संबंधित समाचार