प्रयागराज: यूपी गैंगस्टर एक्ट के नियमों के अनदेखी करने पर अमरोहा के जिलाधिकारी का स्थानांतरण

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में उचित स्पष्टीकरण के बिना गिरोह चार्ट को मंजूरी देने के मामले में अमरोहा के जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी को जिले से स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें सचिवालय से संबद्ध कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें कोई फील्ड पोस्टिंग भी नहीं दी गई है।

दरअसल, संबंधित जिलाधिकारी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और इसकी मंजूरी के लिए कोई औचित्य दर्ज किए बिना कई मामलों में आरोपियों के खिलाफ गिरोह चार्ट को मंजूरी दे दी थी, जो उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और सामाजिक गतिविधि (रोकथाम) नियम, 2021 के साथ-साथ हाईकोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देशों के विपरीत हैं।

मालूम हो कि विवादित प्राथमिकी के गिरोह चार्ट को तैयार और अनुमोदित करते समय पुलिस अधीक्षक,अमरोहा और जिलाधिकारी, अमरोहा ने आवश्यक संतुष्टि दर्ज नहीं की जबकि गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरोह चार्ट को अनुमोदित करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा संतुष्टि दर्ज करना आवश्यक है। कोर्ट ने इसे सक्षम अधिकारी की सरासर लापरवाही बताते हुए कहा कि अमरोहा से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें संबंधित अधिकारियों ने नियम 2021 की अनदेखी की है। कोर्ट के आदेश के अनुसरण में जिलाधिकारी ने एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि वह लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण गैंग चार्ट को मंजूरी देते समय उचित संतुष्टि दर्ज नहीं कर सके और पूर्व टाइप अनुमोदन पर हस्ताक्षर कर दिया। 

सरकारी अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को सूचित करने पर कि संबंधित अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है, कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ कोई और आदेश पारित करना उचित नहीं समझा और उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ दी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने आसिफ के खिलाफ अधिनियम, 1986 की धारा 3 (1) के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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