Aadhaar Card: ई-पॉश मशीनें नहीं पढ़ पा रहीं घिसी अंगुलियों की लकीरें, आधार कार्ड बनवाने से लेकर बायोमीट्रिक और संशोधन को उमड़ रही भीड़

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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सुबह से ही बैंकों व डाकघरों में लग रही लंबी लाइनें, गुजर रहा पूरा दिन

बाराबंकी,अमृत विचार। सालों पहले बने आधार कार्ड में लगे अंगूठों और अंगुलियों के निशान ई-पॉश मशीनें पढ़ नहीं पा रहीं हैं। इसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही बैंक में लेनदेन करने में बुजुर्गों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। हालांकि कुछ योजनाओं में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है लेकिन यह समस्या खत्म होती नहीं दिख रही है। 

फिंगर प्रिंट का मिलान न होने से लोगों को पेंशन, किसान सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूली ड्रेस के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। राशन दुकानों की मशीनों में भी यही समस्या आ रही है। कार्डधारकों को ओटीपी के माध्यम से राशन तो मिल रहा, लेकिन उनसे भी ई-केवाईसी कराने को कहा जा रहा है। इसके चलते बैंकों, पोस्ट ऑफिस और आधार कार्ड केंद्रों में आधार अपडेट कराने वालों की लाइन लग रही है। 

रोजाना औसतन 1500 आधार कार्ड अपडेट किए जा रहे हैं। दरअसल, तमाम योजनाओं के लाभार्थियों की केवाईसी अपडेट कराई जा रही है। लाभार्थी जब केवाईसी अपडेट कराने पहुंच रहे हैं तो अंगुलियों के निशानों का मिलान नहीं हो रहा है। इसके बाद वे आधार कार्ड सेंटर पहुंच रहे हैं। शहर के प्रधान डाकघर सहित यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा में तो सुबह छह बजे से ही इस कदर लोगों की भीड़ लग रही कि पूरा-पूरा आधार संशोधन व बनवाने में गुजर जा रहा है।

10 वर्ष में बदलना शुरु होती हैं अंगुलियों की रेखाएं

एलडीएम विवेक कुमार समेत कई अन्य अधिकारियों ने बताया कि 10 वर्ष में अंगुलियों की रेखाएं बदलने लगती हैं। सबसे ज्यादा बदलाव 17-18 वर्ष तक के किशारों और 60 साल से अधिक के बुजुर्ग की रेखाओं में आता है। इसलिए 10 साल बाद आधार कार्ड अपडेट करा लेना चाहिए। केंद्रों में प्रतिदिन 1500 से अधिक आधार अपडेट किए जाते हैं। इसमें बच्चों, वृद्धों के  मोबाइल नंबर, नाम, पता में सुधार तथा बायोमीट्रिक अपेडट कराने लोग आते हैं। 

आधार से संबंधित कार्यों के लिए जरुरी दस्तावेज

व्यवस्था के अनुसार आधार कार्ड में सिर्फ एक बार ही जन्मतिथि बदल सकती है। इसके लिए जन्मतिथि प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, किसी भी बोर्ड या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट, सर्विस आईडी कार्ड जरुरी है। 

वहीं पता बदलवाने के लिए वोटर आईडी कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट के अलावा यह दस्तावेज न होने की दशा में यूआईडीएआई का एक फार्म भरकर किसी राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर कराकर जमा करने की भी व्यवस्था है। इसी तरह  नाम के शब्दों में बदलाव के लिए वोटर आईडी कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, निवास प्रमाणपत्र, पेन कार्ड आदि दस्तावेज देना जरुरी होता है।

2251 राशनकार्ड सदस्यों के मैच नहीं हो रहीं अंगुलियां

खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में 2251 राशनकार्ड के सदस्यों के अंगुलियों का मिलान ई-पॉश मशीनों में नहीं हो पा रहा है। यह सभी बुजुर्ग बताए गए हैं। ऐसे में इन्हें पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी से सत्यापन के बाद हर माह गल्ला दिया जा रहा है। इनमें 1818 अंत्योदय तो 433 सदस्य पात्र गृहस्थी राशनकार्ड के शामिल हैं। वहीं किसान सम्मान निधि योजना में भी हजारों की संख्या में ऐसे बुजुर्ग किसान हैं जिनके हाथ की अंगुलियों का मिलान आधार कार्ड से मैच नहीं होने से वह लाभ से वंचित हो जा रहे हैं।

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