ड्रोन बना कर ऐसे अर्न कर सकते हैं लाखों रुपए, 2.5 ट्रिलियन का होगा भारतीय ड्रोन मार्केट

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः नेशनल पीजी कॉलेज में रोबोटिक्स और एआई की पढ़ाई को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। स्टूडेंट्स को एआई लर्निंग और न्यू टेकनोलॉजी से रूबरू कराया जा रहा है। शुक्रवार को जरमनी से जरमन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस पोट्सडैम के विजिटिंग रिसर्च साइंटिस्ट चंद्रहास सिंह ने कॉलेज में शिरकत की। छात्रों को ड्रोन मार्केट के बढ़ते स्वरूप और न्यू ट्रेंड के बारे में बताया।

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साइंटिस्ट चंद्रहास ने बताया कि आज कल टेक फील्ड इतनी वास्ट हो गई हैं कि हर कोई इसमें अपना हाथ आजमा सकता है और आसानी से अच्छा खासा पैकेज पा सकता है। यहा आयोजन प्रिंसिपल डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया। इसके साथ ही नया संचालित हुए कोर्स रोबोटिक्स एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फर्स्ट बैच के लिए सर्टिफिकेट डिस्ट्रीब्यूशन सेरेमनी का आयोजन किया गया।

पहले बैच का सक्सेस रेट 100 प्रतिशत

सर्टिफिकेट कोर्स के फर्स्ट बैच का सक्सेस रेट 100 प्रतिशत रहा। जहां कई स्टूडेंट्स ने रोबोटिक्स फिल्ड में अपना हाथ आजमाया और 34 छात्रों ने यह सर्टिफिकेट कोर्स "A" ग्रेड के साथ क्वालिफाई किया। जिसमें शिवम पांडे, शशांक पटेल, सोनम मौर्या, रिशु गुप्ता, अमित कुमार पाठक, अनुभव सिंह, अभिषेक दिवेदी आदि शामिल रहे। फिजिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की विभागाध्यक्ष अपर्णा सिंह ने बताया कि भारत में रोबोटिक्स एक व्यापक रूप लेते जा रही है। साथ ही इस तकनीक का विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा से लेकर कृषि और लॉजिस्टिक्स तक इसका इस्तेमाल हो रहा है। स्टार्ट-अप और स्थापित कंपनियां तक एफिशिएंसी और स्केलेबिलिटी के लिए रोबोटिक्स का उपयोग कर रही हैं। ये देश को आगे बढ़ाने और विकसित करने में मदद कर रहा है।

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ड्रोन बन रहा दैनिक जीवन का अहम हिस्सा

ड्रोन का इस्तेमाल आजकल हर जगह ही दिख रहा है। नॉर्मल शूट हो या फिर सरकारी योजनाएं हर कोई रोबोटिर, एआई और ड्रोन फील्ड की ओर जा रहा है। साथ ही कहा कि जिस स्तर से इस फील्ड में काम हो रहा है। अगर ऐसे ही होता रहा तो ड्रोन मार्केट का 2030 तक 2.5 ट्रिलियन की इकोनॉमी हो जाएगी। आइए सुनते हैं कि क्या कहते हैं साइंटिस्ट चंद्रहास सिंह....

ड्रोन लर्निंग सीखा तो फ्यूचर है ब्राइट

साइंटिस्ट चंद्रहास ने बताया कि ड्रोन लर्निंग से ही लोग लाखों में कमा रहे हैं। इसकी मदद से कई सारी करियर अपॉर्चुनिटी खुल जाती हैं जैसे कि ड्रोन पायलट ऑपरेटर, ड्रोन इंजीनियर, ड्रोन डाटा एनालाइजर, ड्रोन सॉफ्टवेयर डेवलपर, ड्रोन इंस्ट्रक्टर ट्रेनर, ड्रोन रेगुलेशन एंड पॉलिसी एक्सपर्ट, ड्रोन मेंटेनेंस एंड रिपेयर आदि।

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