Purchasing Policy: पंजीकृत ट्रस्ट भी बेच सकेंगे केंद्रों पर धान, सरकार ने किया धान खरीद में ट्रस्ट को शामिल

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Published By Muskan Dixit
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दर्शाने होंगे ट्रस्ट के प्रमाण, बोये रकबे का होगा सत्यापन

लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश सरकार ने इस वर्ष धान क्रय नीति में ट्रस्ट को भी शामिल किया है। ट्रस्ट किसान और बटाईदार की तरह ऑनलाइन पंजीयन कराकर सरकारी केंद्रों पर धान बेच सकेंगे। यह सुविधा केवल पंजीकृत ट्रस्ट को मिलेगी। इसके लिए ट्रस्ट के भूलेख, सत्यापित खतौनी, ट्रस्ट संचालक व अधिकृत प्रतिनिधि का विवरण, आधार कार्ड व पंजीकृत मोबाइल नंबर जिस पर ओटीपी आएगी, यह सब ऑनलाइन पंजीयन के दौरान दर्शाना है। इसके बाद राजस्व टीम धान के रकबे का ऑनलाइन सत्यापन कर स्वीकृति देगा। उसके आधार पर खरीद की जाएगी। डिप्टी आरएमओ विपुल सिन्हा ने बताया कि 1 नवंबर से खरीद होगी। ट्रस्ट संचालक भी समर्थन मूल्य का लाभ उठाएं और पंजीयन कराएं।

संचालक के न होने पर प्रतिनिधि लगाएंगे अंगूठा
धान खरीद आधार प्रमाणित ई-पॉस मशीन से होगी। जिस पर ट्रस्ट संचालक या फिर उनके न होने पर प्रतिनिधि का अंगूठा लगाकर बिक्री की जाएगी। इसके लिए ट्रस्ट संचालक को ऑनलाइन पंजीयन के दौरान एक प्रतिनिधि को विकल्प के तौर पर नामित करना होगा। प्रतिनिधि का आधार, पंजीकृत मोबाइल नंबर आदि विवरण दर्ज किया जाएगा। सरकार द्वारा भुगतान संबंधित ट्रस्ट के बैंक खाते में किया जाएगा, जबकि अन्य बैंक खाता मान्य नहीं होगा।

ऐसे करें पंजीयन
- किसान खाद्य विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर जाएं
- पंजीयन के लिए खतौनी, बैंक पासबुक और आधार कार्ड दें
- पंजीयन के बाद, राजस्व विभाग सत्यापन करके रिपोर्ट देगा
- सत्यापन के बाद धान बेचने के लिए टोकन जारी होगा

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