बाराबंकी: खेत में पराली जलाने से नष्ट होते हैं मित्र-कीट, दिलाई गई पराली न जलाने की शपथ

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Published By Vishal Singh
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सूरतगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। धान की कटाई के बाद अवशेष (पराली) न जलाए जाने को लेकर मंगलवार दोपहर ब्लाॅक सभागार कक्ष में उपकृषि निदेशक की उपस्थिति में बैठक हुई। जिसमें मौजूद लोगों से खेतों में पराली न जलाए जाने का आह्वान किया गया। क्रार्यक्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधान और किसान मौजूद रहे।

उपकृषि निदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि धान की कटाई के बाद खेत में पराली (अवशेष) को जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, तो वहीं इससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों से अपील है कि खेतों में पराली कदापि न जलाएं, क्योंकि इसके जलाने से मिट्टी में मौजूद मित्र-कीट नष्ट हो जाते हैं। भूमि की ऊपरी सतह पर उपलब्ध उर्वरा शक्ति भी क्षीण हो जाती है और अगली फसल में किसानों को ज्यादा खाद और सिंचाई करनी पड़ती है। उससे फसल की लागत बढ़ जाती है। पराली खेतों पर जलाने की बजाय मिट्टी के अंदर ही दबा दें, ये सभी के लिए हितकर भी होगी। 

बीडीओ देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यदि पराली मिट्टी में ही सडा़ दी जाए, तो वह लाभकारी होगी। क्योंकि सड़ने के उपरांत यह कार्बनिक खाद का कार्य भी करती है। ये जमीन की उर्वरा-शक्ति बढ़ाने में लाभकारी होती है। इसलिए सभी शपथ लेकर जाएं कि वह गांवों के अन्य किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। इस मौके पर एडीओ पंचायत राजेंद्र प्रसाद, एडीओ कृषि सिद्धार्थ मिश्रा, एडीओ आईएसबी मनीष कुमार, पूर्व ब्लाॅक प्रमुख के पति आशीष सिंह, डीडीसी उमेश चौहान, आनंद सिंह, सुरेंद्र, करुणाशंकर, उधम सिंह और अरविंद आदि मौजूद रहे।

लोगों तक पहुंचाएं योजनाओं की जानकारी
सूरतगंज, बाराबंकी। सरकार की सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं जाने को लेकर मंगलवार की दोपहर एक बैठक आयोजित हुई। जिसमें कई योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। ब्लाॅक सभागार कक्ष पर आयोजित हुई बैठक में खण्ड विकास अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को से सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान, आयुष्मान कार्ड, दस्तक और संचारी अभियान में साफ-सफाई व पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना सहित अनेकों योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचाए जाने का अनुरोध किया। इस मौके पर ब्लाॅक के समस्त कर्मचारी मौजूद रहे।

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