पेमेंट को लेकर कहासुनी में हुई थी Delivery Boy की हत्या : 24 घंटे की रिमांड पर गजानन ने दिखाया घटनास्थल
लैपटॉप तार से गला कसकर की थी हत्या, शव की तलाश जारी, शव फेंकने में प्रयुक्त कार और मृतक का मोबाइल बरामद
लखनऊ अमृत विचार: डिलीवरी ब्वाॅय भरत कुमार हत्याकांड में चिनहट पुलिस ने मंगलवार को बाराबंकी जेल में बंद मुख्य आरोपी गजानन की 24 घंटे की रिमांड पर लिया। पुलिस ने आराेपी से कई सवालों के जवाब पूछे। जिसपर उसने सबकुछ बयां किया। सबसे पहले पुलिस अभिरक्षा में आरोपी गजानन ने वह कमरा ले जाकर दिखाया, जहां भरत की हत्या की गयी थी। इसके बाद पुलिस ने उससे पूरी घटना विस्तार में पूछी।
पुलिस ने आरोपी की रिमांड लेने से पहले कई सवालों की सूची तैयार की थी। मंगलवार सुबह पुलिस रिमांड पर लेकर चिनहट कोतवाली पहुंची। पूछताछ में आरोपी गजानन ने बताया कि भरत डिलीवरी देना आया तो पेमेंट को लेकर कहासुनी हो गई थी। इस दौरान उसने बोला कि जब रुपये देने की औकात नहीं होती है, तो क्यों इतने महंगा सामान मंगवा लेते हो। उसकी इस बात से गुस्सा आ गया। फिर भरत को पीछे ले जाकर उसका गला पकड़कर अंदर कमरे में ढकेल दिया। जहां पहले से आकाश मौजूद था। इसके बाद उन दोनों ने लैपटाॅप के तार से उसका गला दबा कर हत्या कर दी थी।
हत्या के बाद शव को कार में रखा और फिर इंदिरा नहर में फेंक दिया था। आरोपी ने पुलिस को वह जगह भी दिखायी, जहां से भरत के शव को नहर में फेंका गया था। पुलिस ने आराेपी की निशानदेही पर शव फेंकने में प्रयुक्त कार और मृतक का मोबाइल बरामद कर लिया है। इंस्पेक्टर चिनहट अश्वनी चतुर्वेदी ने बताया कि बुधवार सुबह पुलिस आरोपी को जेल में दाखिल कर देगी।
हत्या के बाद भाग गया था मुबंई
आरोपी गजानन ने पुलिस को बताया कि हत्या करने के बाद शव को नहर में फेंक कर वह मुंबई चला गया था। जहां उसने दोस्तों के साथ लूटे हुए रुपये से सामान खरीदा। मीडिया में मामला हाइलाइट होता देख वह डर गया था। इंटरनेट मीडिया पर फोटो वायरल होने लगी थी। किसी तरह परिवार की मदद से वकीलों के संपर्क में आया, जहां उन्होंने उसे पुराने मामले में बाराबंकी में हाजिर होने की सलाह दी और गजानन ने बाराबंकी में सरेंडर किया था।
यह हुई थी घटना
चिनहट के सरिता नगर कालोनी निवासी डिलीवरी ब्वाॅय भरत कुमार 24 सितंबर को लापता हो गया था। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि उसी कंपनी में काम करने वाले गजानन और आकाश ने मिलकर दो महंगे मोबाइल मंगवाए थे। रुपये न देने पड़े, इसलिए दोनों ने मिलकर भरत की हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपित आकाश को 1 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि मुख्य आरोपित गजानन ने 2 अक्टूबर को बाराबंकी कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया था।