“न्याय या समाधान गाेष्ठी" : मध्यस्थता के माध्यम से न्यायलय में लम्बित मामलों का जल्द हो निपटारा

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, लखनऊ : लॉ फर्म Nyaya Nest का प्रथम स्थापना दिवस गुरुवार को गोमतीनगर के विश्वासखंड कार्यालय में मनाया गया। इस दौरान फर्म ने “न्याय या समाधान” विषय पर गोष्ठी आयोजित की। गोष्ठी में गम्भीरता व गहनता से विचार-विमर्श कर पक्षकरों के माध्यम से सौहार्द सम्बन्ध बनाने की भी चर्चा की। इसके साथ ही  मीडिएशन एक्ट 2023 के प्राविधानों पर भी वार्ता की। गोष्ठी का मकसद न्यायालय में लम्बित वादों को शीघ्रता से निपटाने के लिए मध्यस्थता के माध्यम से उसका समाधान कराया जाए, जिससे की दोनों पक्ष पूर्ण संतुष्टि के साथ न्यायालय से जा सकें।
 
गोष्ठीसमाधान गोष्ठी
 
गोष्ठी में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति  प्रमोद कुमार श्रीवास्तव,  राजीव लोचन मेहरोत्रा, उप्र मानवाधिकार आयोग के सदस्य व सेवानिवृत्त जिला जज हरि मंगल सिंह, दीनानाथ श्रीवास्तव, विजय वर्मा, वीके. खत्री, दिलीप कुमार श्रीवास्तव के अलावा उच्च न्यायलय के अधिवक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। विचार-विमर्श से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि वादों के मध्यस्थता के माध्यम से समाधान के लिए उच्च न्यायालय को भी सम्पर्क किया जाए तथा उक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए जन साधारण को जागृत करने हेतु समाजिक संगठन के साथ कार्य किया जाए।
 
इसके अलावा दूर-दूराज ग्रामीण इलाकों में जाकर स्थानीय लोगों को इसके लाभों से भी अवगत कराया जाए। इसके अतिरिक्त प्रो-बोनो(Pro-Bono)कार्य करने का भी निर्णय किया गया। गोष्ठी का संचालन सेवानिवृत्त जिला जज दीपक कुमार श्रीवास्तव, मैनेजिंग पार्टनर Nyaya Nest ने किया गया। अंत में क्रांतिवीर सिंह, अधिवक्ता, मैनेजिंग पार्टनर Nyaya Nest ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। 
 
 

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