World Menopause Day 2024: मेनोपॉज पर रहें जागरूक, सजगता ही दिलाती राहत...डॉक्टरों ने दी ये सलाह

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। दुनिया भर में 18 अक्टूबर को मेनोपॉज दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याओं पर जागरूकता प्रदान करना है। इस चरण के बाद महिलाओं का जीवन बदल जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक महिलाओं में मेनोपॉज के बाद शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो बीमारियों का जोखिम बढ़ाने वाले भी हो सकते हैं। मेनोपॉज की उम्र में काफी महिलाएं हृदय व आर्थराइटिस जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं। 

बढ़ जाती है कैल्शियम की जरूरत

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रसूति रोग  विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में पोषण संबंधी जरूरत बदल जाती है। जैसे मेनोपॉज से पहले प्रतिदिन लगभग 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है, बाद में मात्रा बढ़कर 1,200 मिलीग्राम से ज्यादा हो जाती है। लेकिन अधिकतर महिलाओं को आहार से जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इससे उनमें आर्थराइटिस की समस्या बढ़ जाती है। ओपीडी में प्रतिदिन 20 से 25 महिलाएं आती हैं। 

हृदय रोग का खतरा बढ़ने लगता 

मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में कैंसर ओपीडी प्रभारी डॉ.पाविका लाल ने कहा कि महिलाएं सोचती हैं कि स्तन कैंसर बड़ा खतरा है, लेकिन मेनोपॉज के बाद सबसे बड़ा खतरा हृदय रोग है। एक तिहाई महिलाओं में उम्र के साथ हृदय रोग विकसित हो जाता है, मेनोपॉज के 10 साल में महिलाओं में दिल के दौरे की संभावना बढ़ जाती है। इसका प्रमुख कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी है, जो रक्त वाहिकाओं को लचीला बनाए रखने में मदद करती है। एस्ट्रोजन कम होने से रक्तचाप में वृद्धि व धमनियों की दीवार मोटी होने लगती है। 

कुछ जांचें जरूरी, योग भी करें  

डफरिन अस्पताल की प्रबंधक डॉ.दरख्शा परवीन ने बताया कि महिलाओं को प्री-मेनोपॉज में कुछ जरूरी टेस्ट जैसे एनीमिया, ऑस्टियोपिरोसिस, डायबिटीज, डिप्रेशन और एंजाइटी की जांच करानी चाहिए। शरीर को मेनोपॉज के लिए तैयार करना बहुत जरूरी है। महिलाएं शरीर व खानपान का ध्यान रखें और व्यायाम करें। मेनोपॉज में होने वाले मूड स्विंग को भगाने के लिए महिलाएं योग का सहारा लें। 

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कानपुर मंडल की अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल ने बताया कि मेनोपॉज के इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे नींद न आना, रात को बेचैनी व पसीना आना, शरीर के अलग-अलग भागों में दर्द, चिड़चिड़ापन, मन में उदासी, चिंता, थकान, कमजोरी, पेट संबंधित समस्या, पाचन शक्ति कमजोर होना, जी मिचलाना, कब्ज की समस्या, प्राइवेट पार्ट में सूखापन और बालों का झड़ना। हार्मोन में बदलाव और मूड स्विंग की वजह से सिरदर्द भी होता है। ऐसे लक्षणों पर जांच जरूर कराएं।

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