Ayodhya Ramayana University: संस्कृति और आधुनिकता का संगम होगा रामायण विश्वविद्यालय, जानिए इसकी खासियत

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Published By Deepak Mishra
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आधुनिक कोर्स के साथ वैदिक व प्राचीन संस्कृति का भी होगा अध्ययन

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण अंतिम चरण में है। यह परियोजना न केवल शिक्षा का केंद्र बनेगी, बल्कि रामायण और रामराज की अवधारणा को समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी। नेशनल हाईवे 32 के पास 21 एकड़ भूमि में तैयार हो रहे इस विश्वविद्यालय के परिसर में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के नाम वाले भवन बनाए गए हैं।

महर्षि महेश योगी संस्थान द्वारा संचालित इस विश्वविद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ रामायण पर शोध को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। यहां विद्यार्थी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, और साइंस सहित विभिन्न आधुनिक कोर्सेज के साथ वैदिक और प्राचीन संस्कृति का भी ज्ञान प्राप्त करेंगे। संस्थान के अध्यक्ष अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि यह विश्वविद्यालय महर्षि महेश योगी के उस सपने को साकार कर रहा है, जिसमें वे आधुनिक तकनीक के माध्यम से युवाओं को वैदिक ज्ञान से परिचित कराना चाहते थे। इस विश्वविद्यालय के 12 भवनों में जल्द ही पठन-पाठन की गतिविधियां शुरू होंगी।

आधुनिक प्रोफेशनल कोर्सेज के अलावा, यह संस्थान छात्रों को हमारी प्राचीन संस्कृति और वैदिक परंपराओं को समझने का अवसर देगा। अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि महर्षि महेश योगी का उद्देश्य था कि युवा सिर्फ तकनीकी शिक्षा तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें यह भी समझ आए कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर कैसे मानव कल्याण का मार्ग दिखाती है। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय का उद्घाटन अयोध्या के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जो रामायण की शिक्षा और रामराज्य की कल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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