टनकपुर: एंगलिंग की आड़ में मार डाली महाशीर... परमिट निरस्त

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Published By Bhupesh Kanaujia
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टनकपुर अमृत विचार। चम्पावत जिले के चूका क्षेत्र से लगे महाकाली नदी में राजस्थान के एक एंग्लिंग द्वारा महावीर को पड़कर मारे जाने का मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने पर पूर्णागिरि क्षेत्र की महिला मंगल दल द्वारा आवाज बुलंद करने के बाद यह मामला उजागर हुआ है। इधर मत्स्य विभाग ने चंपा एंगलिंग के नियमों को ताक पर रखते हुए मछली मारने के आरोप में एक एंगयुलर का परमिट निरस्त कर दिया गया है।

मत्स्य विभाग के चम्पावत जिले के प्रभारी कुंवर सिंह बगड़वाल ने कार्रवाई करते हुए बताया कि मारी गई मछली महाशीर संरक्षित प्रजाति की है। बगड़वाल ने बताया कि उत्तराखंड मत्स्य अधिनियमत 2003 में निहित प्रावधानानुसार परमिट धारक को एंग्लिंग के मत्स्य आखेट की अनुमति प्रदान की जाती है। राजस्थान के जयपुर के आसिफ रजा खान को एंगलिंग के लिए निर्माणाधीन टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग से लगे चूका क्षेत्र में 9 नवंबर को परमिट मिला था। लेकिन एंग्युलर ने एंगलिंग के नियमों को ताक में रखते हुए महाशीर मछली को मार डाला। वीडियो वायरल होने के बाद पूर्णागिरि क्षेत्र की  महिला मंगल दल की शिकायत के पर मत्स्य विभाग ने 11 नवंबर को परमिट निरस्त कर दिया।

महिला मंगल दल का आरोप था कि वीडियो में चूका क्षेत्र से संरक्षित प्रजाति की महाशीर मछली के साथ अशोभनीय व्यवहार करते दिख रहे हैं और मछली को जीवित हाल में नदी में नहीं छोड़कर मार रहे हैं। दल ने विधिक कार्रवाई
की मांग की है। साथ ही महिला मंगल दल ने बूम के वन क्षेत्राधिकारी को भी इस संबंध में पत्र भेज जरूरी कार्रवाई किए जाने की पुरजोर वकालत की है।

मछली के परीक्षण की तकनीक है एंगलिंग
मत्स्य विभाग द्वारा बताया गया कि एंगलिंग मछली पकडऩे की एक तकनीक है। इसमें मछली पकडऩे की रेखा से जुड़े
हुक का इस्तेमाल करके मछली को मुंह में बांधा जाता है। एंगलिंग में मछली पकडऩे की रेखा को आमतौर पर मछली पकडऩे वाली छड़ी से नियंत्रित किया जाता है। मत्स्य प्रभारी कुंवर सिंह बगड़वाल बताते ने कहा कि कि फोटो खींचकर वजन और लंबाई की नापजोख करके मछली को वापस नदी में छोड़ दिया जाता है। बताया जाता है कि पिछले लंबे समय से शारदा नदी और महाकाली नदी में चोरी छिपे  महाशीर के साथ-साथ अन्य प्रजाति की मछली का भी धड़ल्ले से शिकार हो रहा है इस ओर कोई कार्रवाई न होने के कारण शिकारी के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

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