सेक्स लाइफ कर देती है तबाह यह बीमारी, जीभ, नाक, कान और आंख पर भी डालती है गहरा असर

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। मौजूदा समय में एक बीमारी ऐसी है, जो पूरे जीवन पर गहरा असर डालती है। यह व्यक्ति को यदि हो गई तो उसकी सेक्स लाइफ को तबाह और बर्बाद कर सकती है। इतना ही नहीं इस बीमारी का असर जीभ, आंख, कान और नाक पर भी पड़ सकता है। सूंघने,सुनने, स्वाद और देखने की क्षमता खराब हो सकती है। एक बार यह बीमारी हो गई तो इसको ठीक नहीं किया जा सकता, सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है,लेकिन समय रहते यदि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत हो जायें तो इस बीमारी से बचाव संभव है। यह बीमारी है मधुमेह यानी डयबिटीज। यह जानकारी रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. अनुज महेश्वरी ने दी है। वह बुधवार को काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में डायबिटीज और स्वस्थ जीवन विषय पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के डॉ. अजोय तिवारी भी उपस्थित रहे।

डायबिटीज

डॉ. अनुज महेश्वरी ने बताया कि इस बीमारी की चपेट में जो लोग हैं उनको चाहिए कि विशेषज्ञ की सलाह पर इलाज करायें और जीवनशैली में सुधारकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यदि शारीरिक श्रम नहीं किया गया तो भी डायबिटीज नियंत्रित नहीं होगी। जिससे शरीर के किसी भी अंग पर इस बीमारी का असर हो सकता है नसों पर हुआ स्ट्रोक का खतरा होता है, इसका खराब असर सेक्स लाइफ, आंख, कान, नाक और जीभ पर भी होता है, किडनी, हार्ट, ब्रेन और लिवर पर डायबिटीज का बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। मौजूदा समय में किडनी, लिवर, हार्ट के मरीजो की संख्या में हो रहे इजाफे का एक कारण डायबिटीज भी है। 

दो तरह की होती है डायबिटीज

डॉ. अनुज महेश्वरी ने बताया कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है, जिसको टाइप वन और टाइप टू डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। टाइप वन डायबिटीज बच्चों में होती है जबकि टाइप टू डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है। यदि परिवार के किसी सदस्य को डायबिटीज है तो सावधान हो जाना चाहिए, समय रहते जीवनशैली को सुधार कर इस बीमारी को जीवन में प्रवेध करने से रोकना चाहिए।

डॉ. जलीस फातिमा ने कहा कि लगातार मधुमेह पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है, यह चिंता का विषय है। हमारी यह कोशिश है कि लोगों में मधुमेह के प्रति जागरुकता लाकर उन्हें स्वस्थ्य जीवन दिया जाये।

बीमारी की रोकथाम जरूरी

प्रो. (डॉ.) नरसिंह वर्मा ने बताया कि मधुमेह की रोकथाम तभी हो सकती है जब युवाओं को इसके लिए सर्तक किया जाये। इसके लिए जिन्हें भी मधुमेह हो गया है, वह सबसे पहले अपने बच्चों पर ध्यान दें, उनकी जीवन शैली में सुधार लायें, साथ ही उनकी जांच समय-समय पर कराते रहें। क्योंकि एक बार यह बीमारी यदि हो गई तो सिर्फ नियंत्रित ही किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सूर्य उदय होने के बाद भोजन करें और सूर्यास्त से पहले भोजन करें। साथ ही भोजन में 85 प्रतिशत सलाद और 15 प्रतिशत अनाज होना चाहिए। इसके अलावा रोजाना 45 मिनट खूब कसरत करें, सिर्फ टहलने से काम नहीं चलेगा।

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