Kanpur: अब हैलट अस्पताल के सामने लगने वाले जाम के झाम से मिलेगी मुक्ति, गेट के सामने फुट ओवर ब्रिज बनाने की पहल शुरू

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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पुलिस उपायुक्त के सुझाव पर नगर निगम ने पीडब्ल्यूडी को लिखा पत्र

कानपुर, अमृत विचार। हैलट हॉस्पिटल गेट के सामने यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। नरेंद्र मोहन सेतु से इमरजेंसी गेट तक कट बंद होने की वजह से मरीजों को जांच व सैंपल के लिये सड़क पार कर मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। 

पीक ऑवर में मरीजों की पैदल भीड़ की वजह से यातायात बाधित होता है। इससे नरेंद्र मोहन सेतु  से हैलट चौराहे तक वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिये हैलट हास्पिटल के इमरजेन्सी गेट के सामने फुट ओवर ब्रिज बनाने की पहल शुरू हुई है। 

हैलट में कानपुर और आस-पास के कई जिलों से मरीज आते हैं। कई बार मरीजों और तीमारदारों को सड़क पार करके प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाएं लानी पड़ती हैं। ब्लड के सैंपल व अन्य जांचों के लिये भी मरीजों और तीमारदारों को सड़क के दूसरी पट्टी पर बने मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। 

ऐसे में उन्हें घूमकर व सड़क पार कर आवागमन करना पड़ता है। इससे मरीजों को समस्याएं तो होती हैं इसके साथ ही यातायात भी प्रभावित होता है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिये पुलिस उपायुक्त यातायात रविंद्र कुमार ने सुझाव दिया है कि इमरजेंसी गेट के पास फुट ओवर ब्रिज बनाया जा सकता है। 

नगर निगम के यातायात विभाग ने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि सड़क आपके स्वामित्व में है। इसलिये सुझाव पर आखिरी निर्णय आपके द्वारा लिया जा सकता है।

मरीज और स्थानीय लोग भी कर रहे मांग

इस समस्या को लेकर हैलट आने वाले तीमारदार और मरीज लगातार पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिये शिकायती पत्र और आईजीआरएस भी लोग डाल रहे हैं। शिकायतकर्ता विपुल गोस्वामी ने भी आईजीआरएस के जरिये अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है। 

पीएम हाउस से व पुल से गाड़ियां होती है टर्न

हैलट गेट व ओपीडी के सामने सड़क मार्ग को बंद करने की वजह से नरेंद्र मोहन सेतु व स्वरूप नगर की ओर से आने वाली गाड़ियां पोस्टमार्टम हाउस के सामने कट से घूमकर हैलट आती हैं। वहीं, हैलट से दूसरी ओर जाने के लिये नरेंद्र मोहन सेतु से नीचे के रास्ते से व पुल के ऊपर से घूमकर मेडिकल कॉलेज या दूसरी ओर मेडिकल स्टोर लोग जाते हैं। पैदल यात्री डिवायडर व बोल्डर के बीच में दिये छोटे रास्ते से इधर-उधर जाते हैं।

फुट ओवर ब्रिज बनने से मरीजों और तीमारदारों को सहूलियत मिल सकती है। अभी उन्हें जांच के लिये सड़क पार कर मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। ओपीडी के सामने रात में गेट भी बंद हो जाता है।- रंजीत शुक्ला, मेडिकल स्टोर संचालक

फुटओवर ब्रिज बनता है तो मरीजों को चढ़ने-उतरने में दिक्कत होगी। फुट ओवर ब्रिज बने तो लिफ्ट की सुविधा भी जरूरी है, तभी यह ब्रिज कारगर साबित हो सकता है।- प्रवीन बाजपेई, फुटकर दवा व्यापार मंडल, महामंत्री

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