इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : खनन माफिया हाजी इकबाल के बेटों को जमानत देने से किया इनकार

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बल्ला के दो बेटों को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत दर्ज एक मामले में जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि सह-आरोपी हाजी इकबाल याचियों का पिता है, जो पहले ही देश छोड़कर भाग चुका है और दुबई में रह रहा है। ऐसे में याचियों के भागने की पूरी संभावना है।

कोर्ट को यह मानने के लिए कोई उचित आधार नहीं मिला कि याचीगण किसी अपराध में संलिप्त नहीं हैं और जमानत पर रहते हुए भविष्य में उनके द्वारा कोई अपराध करने की संभावना नहीं है। आरोपों की प्रकृति, अपराध की गंभीरता और मामले से जुड़े तथ्यों तथा परिस्थितियों पर विचार करते हुए कोर्ट ने याचियों को जमानत का हकदार नहीं माना और जमानत आवेदन खारिज कर दिए। उक्त आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने जावेद और अलीशान की याचिकाओं को खारिज करते हुए पारित किया। मामले के अनुसार जावेद और अलीशान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस स्टेशन मिर्जापुर, सहारनपुर में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि हाजी इकबाल याची और पांच अन्य नामित आरोपियों के साथ मिलकर एक अंतर्राज्यीय गिरोह चला रहा है।

वे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन, सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे का कार्य करते हैं। इससे उन लोगों ने आम जनता के बीच आतंक, भय और असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर दी है। हालांकि अंत में कोर्ट ने याचियों के फरार होने का खतरा देखते हुए उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी।

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