Prayagraj News : नूरी जामा मस्जिद के ध्वस्तीकरण मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को होगी

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद, फतेहपुर की प्रबंधन समिति ने उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग की प्रस्तावित कार्यवाही को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है। सड़क चौड़ीकरण के उद्देश्य से मस्जिद के एक महत्वपूर्ण हिस्से को ध्वस्त किया जा रहा है। नूरी जामा मस्जिद को गिराए जाने से रोकने और विरासत स्थल के रूप में इसकी मान्यता और संरक्षण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से मस्जिद समिति ने याचिका में हाईकोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

याचिका पर शुक्रवार को न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होनी थी, लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब मामले की सुनवाई आगामी 13 दिसंबर को होगी। याचिका में बताया गया है कि फतेहपुर जिले के लालौली गांव में स्थित नूरी जामा मस्जिद 180 साल पुरानी मस्जिद है, जो उस समय की प्रचलित स्थापत्य शैली में बनी है।

यह ऐतिहासिक रूप से स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र के रूप में कार्य करती रही है और यह पूजा स्थल तथा सांस्कृतिक संरक्षण के रूप में भी कार्य करती है। याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह समिति द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रतिवेदन पर विचार करें और निर्णय लें, जिसमें नूरी जामा मस्जिद को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित स्मारक घोषित करने की प्रार्थना की गई है, साथ ही प्रदेश सरकार को भी यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह मस्जिद को जारी किए गए नोटिस के तहत कोई कार्रवाई ना करें।

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