लखनऊ: अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल से हार्ट अटैक का खतरा
कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में हृदय रोग विशेषज्ञों ने साझा की जानकारी
लखनऊ, अमृत विचार। कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन के तीसरे दिन शनिवार को आज डॉ. सुब्रतो मंडल और डॉ. सुनील कुमार मोदी ने हाई कोलेस्ट्राल पर अपनी जानकारी साझा की।
डॉ. सुब्रतो मंडल ने कहा कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को लेकर लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। हृदय रोगी में अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक का प्रमुख कारण है,ऐसे लोगों को अपना बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम रखना चाहिये व गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) 40 मिलीग्राम से ऊपर होना चाहिए।
डॉ. सुनील मोदी ने बताया कि अनियंत्रित ब्लड कोलेस्ट्रॉल युवाओं में भी एक समस्या है। किसी का बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) 190 मिलीग्राम से अधिक तो उसे इलाज की जरूरत है। डॉ.सुनील ने बताया कि अब पीसीएस के 9 इन्हिबिटर के 6 महीने में एक इंजेक्शन से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है, पर स्वस्थ्य जीवनशैली कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
अमेरिका के डॉ. हैडली विल्सन ने एंजियोप्लास्टी की विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की। उन्होंने बताया की लेफ्ट मेन डिजीस में अब बाईपास के स्थान पर इमेजिंग के माध्यम से एंजियोप्लास्टी भी बहुत कारगार है। डॉ. टिनी नायर ने बताया कि अगर दो दवाओं का कॉम्बिनेशन इस्तेमाल किया जाता है तो हम ब्लड प्रेशर को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।
मेदांता अस्पताल दिल्ली के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रवीण चंद्रा ने बताया कि बीपी, डायबिटीज और मोटापा नियंत्रित रखकर हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। लंदन से आए डॉ. रॉक्सी ने बताया कि हार्ट अटैक के इलाज में समय की बहुत महत्ता है,अगर हार्ट अटैक का रोगी गोल्डन ऑवर्स (शुरू के तीन घंटों) में अस्पताल पहुंच जाता है और उसकी एंजियोप्लास्टी हो जाती है तो हार्ट को नुकसान न के बराबर होता है। किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक होने पर तुरंत डिस्पिरिन की 325 मिलीग्राम की गोली चबाकर खानी चाहिये व तुरंत अस्पताल जाना जाना चाहिए।
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