नगर निगम के प्रोजेक्ट पर केडीए का अड़ंगा: कानपुर के यह दो मामले शासन स्तर तक पहुंचे

नगर निगम के प्रोजेक्ट पर केडीए का अड़ंगा: कानपुर के यह दो मामले शासन स्तर तक पहुंचे

कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। जाना गांव में सीवेज फार्म की भूमि पर 25 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित करने और स्वरूप नगर घंटाघर स्थित भूमि पर म्यूनिसिपल बांड प्रोजेक्ट के तहत महिला मार्केट बनाने की योजना पर केडीए ने अडंगा लगा दिया है। कानपुर विकास प्राधिकरण ने योजना के लिये प्रस्तावित जमीनों व नगर निगम की दूसरी अन्य तमाम संपत्तियों पर अपना अधिकार बताया है।

जिससे नगर निगम की प्रस्तावित योजनाओं पर काम रुक गया है। यह मामला ऊपर तक पहुंचने के बाद शासन ने 7 दिनों के अंदर कागजी जानकारी मांगी है। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने जल्द प्रकरण को निस्तारित करने के निर्देश दिये हैं। ताकि योजनाओं पर काम शुरू हो सके।

कानपुर विकास प्राधिकरण ने सीवेज फार्म की 1257.43 एकड़ भूमि जो सीवेज कार्य प्रयोजनार्थ है, इस संपत्ति को अपना बताया है। इसी भूमि के 60 एकड़ हिस्से पर नगर निगम ने सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। स्वरूप नगर घण्टाघर स्थित भूमि जिसमें म्यूनिसिपल बॉण्ड के प्राजेक्ट में महिला मार्केट बनना प्रस्तावित है इसपर भी केडीए ने अपना अधिकार बताया है।

यही नहीं केडीए ने नगर निगम के विद्यालय, नगर निगम कर्मचारियों के क्वार्टर, नगर निगम के जोनल कार्यालय, दुकानों को भी अपना बताया है। जिसपर नगर निगम ने आपत्ति जताई है। मुख्य सचिव के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने इस संबंध में शासन को अवगत कराया है।

विवाद के निस्तारण के लिये शासन के निर्देश पर संयुक्त सचिव कल्याण बनर्जी ने नगर निगम को पत्र लिखकर कहा है कि विवादित संपत्तियों का विवरण व क्षेत्रफल, भूमि की श्रेणी, वर्तमान समय में संपत्ति का उपयोग, कब्जा, स्वामित्व, दूसरे नगर निगमों में व्यवस्था की जानकारी मांगी है।

शासन स्तर पर कहा गया है कि प्रकरण और योजनाएं जरूरी हैं इसलिये 7 दिनों में जानकारी अवगत कराएं, जिसके बाद नगर निगम ने अपने स्तर से सूचनाएं संकलित करना शुरू कर दिया है।

नगर निगम ने शासन के सामने रखी दलील

नगर निगम ने शासन को बताया है कि सीवेज फार्म की सम्पत्ति सीवेज यूटिलाईजेशन स्कीम के तहत कानपुर डेवलपमेन्ट बोर्ड द्वारा वर्ष 1952 में अधिगृहीत की गई थी एवं इस भूमि का प्रयोग सीवेज कार्यों हेतु किया जाना था। उप्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा 59 6(ग) में भी सम्पत्ति कार्य के अनुसार विभाजित होनी थी। सीवेज का कार्य पूरी तरह निगम का है। इस कारण भी प्राधिकरण का इस पर कोई अधिकार नहीं बनता है। 

महापालिका ने स्वरूप नगर में बनाई थी मीट मार्केट

नगर निगम ने शासन के सामने कहा कि स्वरूप नगर घण्टाघर स्थित भूमि, जिसमें म्यूनिसिपल बॉण्ड के प्राजेक्ट में महिला मार्केट के रूप में प्रस्तावित थी। यह भूमि कानपुर नगर महापालिका द्वारा कानपुर विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने से पहले ही मीट मार्केट के रूप में विकसित की गई थी। इस पर अवैध कब्जे होने के बाद नगर निगम ही वहां कब्जामुक्त की कार्रवाई की। इसीलिये म्यूनिसिपल बॉण्ड के अन्तर्गत महिला मार्केट के रूप में प्रस्तावित किया गया है।

नगर निगम के कार्यों में शामिल शिक्षा के अन्तर्गत बनाये गये स्कूल, सेवारत कर्मचारियों के आवास एवं निगम के जोनल कार्यालयों को भी कानपुर विकास प्राधिकरण अनाधिकृत रूप से अपना बता रहा है। नगर निगम ने कहा कि निगम द्वारा सचालित हाटों एवं दुकानों को केडीए अपना बताकर विवाद की स्थिति उत्पन्न करता है।

चार मंजिला भवन महिला मार्केट बनाने का प्रस्ताव

स्वरूप नगर स्थित घंटाघर की जमीन पर चार मंजिला भवन बनना है। अधिकारियों के अनुसार महिला मार्केट के लिए 4900 वर्गमीटर की जमीन पर 46 दुकानें बनानी हैं। नगर निगम मुख्य अभियंता के अनुसार इस पूरी योजना में 93 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव बनाया गया है।

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