Bareilly: भूमि अध्याप्ति कार्यालय स्टाफ ने हड़पे 46 लाख, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष ने दर्ज कराया परिवाद

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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दो भूमि अध्याप्ति अधिकारियों और कई कर्मचारियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में दर्ज कराया परिवाद

बरेली, अमृत विचार: नैनीताल नेशनल हाईवे- 74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह की जमीन की 46 लाख की प्रतिकर राशि के गबन के मामले में सीजेएम कोर्ट में तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार, उनके कार्यालय के बाबू अनिल तिवारी, डम्मर सिंह और मौजूदा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी समेत दो तीन कर्मचारियों के विरुद्ध परिवाद दर्ज कराया गया है। अदालत ने वादी के बयान के लिए 24 दिसंबर की तारीख नियत की है।

बहेड़ी के गांव सिरसा उर्फ बहुनागर निवासी मानवेंद्र सिंह के अधिवक्ता वासुदेव जौहरी व शैलेंद्र अग्रवाल ने यह परिवाद दर्ज कराया है। उनके मुताबिक सन् 2013 में मानवेंद्र सिंह के पैतृक गांव सिरसा में उनकी संयुक्त खाताधारक मां सरला देवी और भाई यक्षेंद्र सिंह की जमीन राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित हुई थी। उस दौरान वह लखनऊ हाईकोर्ट से वरिष्ठ निबंधक के पद पर तैनात थे। 

न्यायिक सेवा की व्यस्तता के बीच उन्होंने अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के भुगतान के लिए अपने वकील के जरिए कई बार विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय में कई बार संपर्क किया। कार्यालय के बाबू अनिल तिवारी, डम्मर सिंह और तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार अवगत कराते रहे कि एनएचएआई की रुद्रपुर यूनिट से उनके मुआवजे की 46 लाख 62 हजार 726 रुपये की राशि प्राप्त नहीं हो सकी है।

कहा गया है कि वर्ष 2022 में विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी कार्यालय में उनकी माता सरला देवी से बाबू अनिल तिवारी ने कई प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराकर बताया कि पैसा आ चुका है जिसे एक-दो सप्ताह में उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। लेकिन काफी समय बाद भी पैसा नहीं भेजा गया। इसके बाद उन्होंने एनएचएआई से पत्राचार किया तो पता चला कि उनका पैसा वर्ष 2015 में ही जारी किया जा चुका है। मानवेंद्र सिंह जून 2020 में लखनऊ हाईकोर्ट से रिटायर होकर अब स्थाई लोक अदालत में अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।

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