बदायूं: दहेज हत्या में पति को आठ साल की सजा, 30 हजार जुर्माना

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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मुकदमा के विचारण के दौरान एक आरोपी की हो गई थी मौत

बदायूं, अमृत विचार। लगभग आठ साल पहले दहेज हत्या करने के आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने दोषी करार देते हुए आठ वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार जुर्माना भी लगाया है। मुकदमा के विचारण के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी जबकि एक अन्य को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया है। 

अभियोजन पक्ष के अनुसार कस्बा म्याऊं निवासी राजकुमार ने 14 अगस्त 2016 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उन्होंने अपनी बेटी निर्मला की शादी वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव पिपरिया निवासी बबलू से 27 अप्रैल 2015 को की थी। शादी में अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च किया था। शादी के कुछ दिन बाद से ही निर्मला का पति, सास, ससुर कम दहेज लाने की बात कहकर मारपीट करने लगे। बात-बात पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अतिरिक्त दहेज में बाइक की मांग कर रहे थे। निर्मला ने अपने पिता राजकुमार को इस बारे में जानकारी दी। राजकुमार ने बेटी के ससुरालीजनों से कहा कि वह मजदूरी और पल्लेदारी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह बाइक देने में असमर्थ हैं। 13 अगस्त 2016 को राजकुमार को सूचना मिली की उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। राजकुमार ने कहा कि उनके बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। उसके ससुरालीजनों ने उसे मारा है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जांच की। साक्ष्य संकलित करके कोर्ट में तीन लोगों के खिलाफ दहेज हत्या के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। बुधवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद पति बबलू को आठ साल की सजा सुनाई। आरोपी राजेंद्र की विचारण के दौरान मौत हो गई जबकि तीसरी आरोपी ममता को साक्ष्य न मिलने पर दोषमुक्त किया है।

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