सरकारी अस्पतालों के जन औषधि केंद्र ठप, टेंडर दूसरे वेंडर को मिलने से बंद सुविधाएं

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: जिले के सरकारी अस्पतालों में खुले जन औषधि केंद्र निजी वेंडर से पांच साल का करार खत्म होने के बाद से बंद है। करीब 10 दिनों से केंद्र बंद होने के कारण मरीजों को सस्ती दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा। नए वेंडर को टेंडर मिलने से केंद्रों के दोबारा शुरू होने में अभी समय लग सकता है।

मरीजों को सस्ती दवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा है। इन केंद्रों पर करीब 200 प्रकार की दवाएं उपलब्ध है। शहर के 12 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र का संचालन हो रहा है। इसमें बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, बीआरडी महानगर, रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय, केजीएमयू, लोहिया, रानीलक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय, मोहनलालगंज व गोसाईगंज सीएचसी में जनऔषधि केंद्र बंद हैं। सरकारी अस्पतालों में औषधि केंद्रों के संचालन के लिए सरकार ने निजी वेंडर से करार किया था। पांच साल का अनुबंध पूरा होने बाद सांची जरिए नया टेंडर कराया गया है। इस बार नई कंपनी को केंद्र संचालन की जिम्मेदारी मिली है। पुराना टेंडर खत्म होने बाद कंपनी ने सभी केंद्र बंद कर दिए हैं। ऐसे में मरीजों को सस्ती दवाएं नहीं मिल पा रही है। उन्हें दवाएं बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही है। सांची की निदेशक संगीता सिंह का कहना है नया टेंडर नई कंपनी को मिला है। सभी केंद्र शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। बताया इसी महीने के अंदर ही सभी समस्याओं को दूर करके केंद्र शुरू कराए जांएगे।

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