Kanpur फर्टिलाइजर में इस हफ्ते शुरू हो सकता यूरिया का उत्पादन, काम बंद होने से रबी की फसल हो रही प्रभावित

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Published By Deepak Shukla
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विशेष संवाददाता, कानपुर। केएफसीएल (कानपुर फर्टिलाइजर एंड सीमेंट लिमिटेड) में 17 दिसंबर से ठप पड़ा यूरिया खाद का उत्पादन इस हफ्ते चालू हो सकता है। फैक्ट्री के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मंगलवार तक सब्सिडी रिलीज होने की उम्मीद है। इसके बाद गेल को भुगतान किया जाएगा। गेल से गैस सप्लाई दोबारा शुरू होने में तीन दिन लगते हैं। यूरिया के अभाव में रबी की फसल प्रभावित हो रही है।  

केएफसीएल को प्लांट चलाने के लिए गेल यानी गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (औरेया) से पीएनजी गैस की आपूर्ति की जाती है। बीते चार माह से गेल के खाते में सब्सिडी की रकम नहीं पहुंची है। केएफसीएल हर माह करीब 150 करोड़ रुपये की नेचुरल गैस गेल से लेता है। कंपनी दावा है कि वह बकाया धनराशि पर गेल को ब्याज भी चुकाती है। 

जानकारी के मुताबिक पहले खाद बनते ही सरकार से सब्सिडी मिल जाती थी। लेकिन नई व्यवस्था में किसान के खाद खरीदने के बाद कंपनी के खाते में सब्सिडी की राशि आती है। ऐसे में सब्सिडी जारी में होने देरी होने से व्यवस्था पटरी से उतरी है। श्रम अधिकारी प्रदीप चतुर्वेदी ने बताया कि सब्सिडी इसी हफ्ते रिलीज होने की संभावना है। इसके तीन दिन बाद कारखाना चालू हो जाएगा।

रबी की फसल पर गहराया संकट

यूरिया खाद का संकट रबी की फसल प्रभावित कर सकता है। सर्दियों के मौसम में गेहूं, आलू, मटर, चना, अलसी, सरसों और जौ की बुवाई की जाती है। केएफसीएल में लगभग 8 लाख टन सालाना यूरिया उत्पादन किया जाता है। कानपुर की यूरिया का ब्रांड चांद छाप नाम से मशहूर है। तब यह कारखाना आईईएल (इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड) के नाम से था। इसके बाद आईसीआई फिर डंकन के नाम से चलाया गया। बाद में जेपी ग्रुप ने 2010 में अधिग्रहण किया और इसका नाम कानपुर फर्टिलाइजर एंड सीमेंट लिमिटेड हो गया।

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