महाकुंभ 2025 : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मुलायम की मूर्ति लगने पर कसा तंज

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, अमृत विचार: महाकुंभ मेला क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगायें जाने पर किये जा रहें विरोध प्रदर्शन पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शुक्रवार को बेबाक टिप्पणी किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ क्षेत्र में चारों दिशाओं में दो मूर्तियां और हर दस मीटर पर लगी नजर आ रही उस पर कोई नहीं बोल रहा है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ मेले में हर दस मीटर पर पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की मूर्तिया लगाने के बजाय महर्षि भरद्वाज जैसे संतों की मूर्तियां लगाई जाती जिससे हिन्दूओं को लाभ मिलता।

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में राजनीतिक दलों का कोई सरोकार नहीं होना चाहिए लेकिन भाजपा के लोग ही मुलायम सिंह की मूर्ति लगते ही राजनीति तेज कर यदि ये लोग राजनीति न करते और मौन रहते तो शायद इतने लोग न जान पाते लेकिन भाजपा के लोग विरोध करके उन्हें लाखों लोगों तक पहुंचा दिया। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हिन्दूओं को राजनीति करने वाले लोगों ने जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं।

जगदगुरू  शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिन्दू सदियों से एकजुट रहा और हिन्दूओं को जाति के नाम पर कुछ राजनीतिक दलों ने बांटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हिन्दू न बटा था और न ही बंटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड में बटोगे तो कटोगे का फार्मूला काम नहीं आया और फेल हो गये। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की हनक होती है और यह हनक हमेशा किसी के पास नहीं रहती इसलिए जों आज अखिलेश यादव के नाम के साथ हों रहा है वह कल जो लोग सत्ता में बने रहकर दिण्य एवं भण्य कुंभ का डंका पीट रहे , वह कल सत्ता से हटने के बाद अखिलेश यादव की जगह पहुंच जायेंगे।

देश पहले राष्ट्रपति ने कुंभ मेला में एक माह तक किये थे कल्पवास 
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद ने कुंभ मेला में एक माह तक कल्पवास कर देश ही नहीं दुनिया को हिन्दुत्व का परचम लहराये थे लेकिन दुर्भाग्यवश आज कोई भी डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद का नाम हिन्दुत्व के साथ नहीं जोडता। उन्होंने यह भी कहा कि राजेंद्र प्रसाद जी एक समय भोजन कर तपस्या की मिसाल भी कायम की। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सांसद चन्द्र शेखर के उस बयान पर बोल रहे थे जिसमें सांसद चन्द्र शेखर ने कहा था कि मैं गंगा में पाप धुलने स्नान करने नहीं जायेंगे इस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने यह मान लिया है कि गंगा स्नान करने मात्र से पाप धुल जाते हैं यदि उन्हें पाप प्यार हो गया है तभी तो वें गंगा स्नान करने नहीं आयेंगे।

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