वेडिंग का सीजन है.... लखनऊ की इस मार्केट से तुरंत OK कराए अपना डिजाइनर आउटफिट
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नीरज मिश्र, लखनऊ, अमृत विचार। एक दौर था जब शादी या किसी समारोह में जाना होता था तो लोग महीनों पहले तैयारियां शुरू कर देते थे। शूट या शेरवानी का कपड़ा लिया और नापजोख कराने के लिए टेलर मास्टर के पास पहुंच गए। मास्टर को डेट से पहले फिटिंग के लिए बार-बार याद दिलाने जाना पड़ता था। अगर दर्जी के पास काम ज्यादा होता था तो उसके नखरे भी देखने पड़ते थे। यह चलन में था। डिजाइन तय होती थी और फिर कपड़ा और अस्तर अच्छा लगाना मास्साब...बटन नए डिजाइन के होने चाहिए...तारीख से पहले डिलीवरी दे देना आदि तमाम जिद टेलर मास्टर से की जाती थी। समय से मिल जाए इसके लिए दर्जी के पास चक्कर लगाना एक आम बात थी। इसके बाद दूसरी खरीदारी का नंबर आता था। इसमें नागरा, मोतियों की लड़ी वाला हार और पगड़ी लेने के लिए अलग-अलग दुकानों और शोरूम में जाना पड़ता था। लेकिन रेडीमेड युग में अब सब कुछ ''तत्काल'' उपलब्ध है। बस जेब में पैसा होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि रेडीमेड आइटम महंगे हैं। सब आपकी रेंज के अनुसार बाजार में उपलब्ध है।
शेरवानी के साथ पगड़ी, हार की मैचिंग
पगड़ी, हार और कटार सब कुछ मौके पर ही मैचिंग की मिल जाती है। गोपाल दुबे बताते हैं कि पगड़ी 1500 से लेकर 3500 तक की पगड़ी हैं। कटार लेनी हो मैचिंग की तो उसकी कीमत 150 से 500 तक। रिंग प्लेट 200 रुपये में तत्काल मिल जाता है। सहालग में ग्राहक इसे खूब पसंद करते हैं।
दुल्हन की तैयारी भी कुछ घंटों में
इसी तरह ''दुल्हन'' की भी तैयारी शोरूम में ही हो जाती है। अमीनाबाद श्रीराम रोड स्थित शोरूम के प्रभू जालान बताते हैं कि अब रेडीमेड का जमाना है पैसे लेकर आओ और सामान ले जाओ। ब्राइडल लहंगा, साड़ी, आर्टीफीशियल ज्वेलरी सब कुछ दुकान पर मिलता है। डिजाइनर लहंगा पसंद किया, मौके पर ही फिटिंग करने वाले आए। नाप लिया और उसे तय तिथि पर तैयार कर घर तक पहुंचाने का आश्वासन शोरूम मालिक देते हैं। नितिन जालान बताते हैं कि बस डिजाइन पसंद करने में ही समय लगता है। जैसे ही डिजाइन फाइनल हुआ। काम पूरा कर उसके तैयार करने की तारीख बता दी जाती है।
गणेशगंज के कारोबारी जयदेव बदलानी बताते हैं कि ''दुल्हन'' को सजाने के लिए सारी जिम्मेदारी दुकानदार उठा रहे हैं। साड़ियां हों या फिर लहंगे सभी तैयार कर समय से मय गिफ्ट ग्राहक के पास पहुंचा दी जाती है। इंदिरानगर के कारोबारी उत्तम कपूर का कहना है कि ग्राहक अब सब कुछ मौके पर ही चाहता है। वैरायटी देखता है और फिर उसे फिटिंग के लिए दे देता है। कहा सकते हैं कि शोरूम में ही वर-वधू तैयार हो जाते हैं। उन्हें इधर-उधर भागना नहीं पड़ता है।
ग्राहकों को परिधान पहना सेट पर ही करा रहे ''ओके''
गणेशगंज के व्यापारी अशोक मोतियानी बताते हैं कि पुरुष परिधानों में रेडीमेड सूट के खरीदार हैं तो ''दूल्हा'' शेरवानी समेत पूरी ड्र्रेस दुकानों पर पसंद कर समय से पहले तैयार करने की रसीदों पर मुहर लगवा उन्हें थमा दी जाती है। विश्वास का सौदा होता है। इस बार वैवाहिक समारोह के लिए अलग-अलग डिजाइनर कुर्ते आ गए हैं। उन्हें पहनाकर पहना कर दुकान पर ही ग्राहकों से ओके करा रहे हैं। डिजाइन तय कर इसकी फिटिंग का जिम्मा भी शोरूम वाले ही उठा रहे हैं। हजरतगंज, अमीनाबाद, गणेशगंज, श्रीराम रोड, चौक, इंदिरानगर, भूतनाथ, अलीगंज, पुरनिया, गोमतीनगर, पत्रकारपुरम, आलमबाग, कृष्णानगर आदि बाजारों में मौजूद शोरूम ग्राहकों को दे रहे विशेष सुविधाएं।
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