केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: अब इतने हजार रुपये वेतन होने के कयास, इस बार हाेगा कुछ नया...

आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद लगाया जाने लगा वेतनमान का गुणा-गणित

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: अब इतने हजार रुपये वेतन होने के कयास, इस बार हाेगा कुछ नया...

कानपुर, (मनोज त्रिपाठी)। आठवें वेतन आयोग में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 41 हजार रुपये हो सकता है, अभी यह सीमा 18 हजार है। यह अनुमान मुद्रास्फीति की दर और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 2.28 फिटमेंट फैक्टर स्वीकार किए जाने की दशा में लगाया गया है।

सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। आठवां वेतन आयोग पहली जनवरी, 2026 से प्रभावी होना है। इसका लाभ लगभग 50 लाख कर्मचारियों तथा 68 लाख पेंशनर को मिलेगा। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू किया गया था। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण के लिए हर 10 साल में वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करती है।    

केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के अनुसार आठवें वेतन आयोग के सामने न्यूनतम वेतन निर्धारण के लिए तीन स्थितियां हैं। इसमें मौजूदा मुद्रास्फीति की दर और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर न्यूनतम वेतन 41 हजार तय किया जा सकता है। 

दूसरे परिदृश्य में पिछले वेतन आयोगों के फिटमेंट फैक्टर के औसत को आधार बनाया जा सकता है, इस गणना में न्यूनतम वेतन का निर्धारण 54 हजार रुपये तक हो सकता है, जबकि तीसरी गणना में सातवें वेतन आयोग के अनुरूप ही वृद्धि होने पर न्यूनतम वेतन 46,300 रुपये निकलता है। पिछले वेतन आयोगों में वेतन संरचना में डॉ. अक्रायोड के रोटी, कपड़ा और मकान की जरूरत पर निर्भर 15 बिंदुओं वाले फार्मूले को तरजीह दी जाती रही है। 

इस फार्मूले की गणना में मौजूदा खुदरा कीमतों के आधार पर भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए तीन सदस्यों के परिवार का मासिक खर्च 40,798 निकल रहा है। ऐसे में न्यूनतम वेतन 41 हजार निर्धारण का यह भी आधार बन सकता है। 

हालांकि कर्मचारी संगठन सरकार से बड़ा दिल दिखाने की मांग करते हुए इस फार्मूले को पुराना बताकर कहते हैं कि इस गणना में परिवार का मोबाइल व इंटरनेट खर्च, निजी स्कूलों की फीस, दूसरी सुविधाओं पर व्यय और बड़े होते बच्चों का खर्च बढ़ने का कोई अनुमान नहीं लगाया गया है।    

वेतन आयोग अपनी सिफारिश देने से पहले कर्मचारी संगठनों के प्रतिवेदन, अन्य देशों में वेतन स्वरूप, महंगाई, गुणता सूचकांक, उपभोक्त खर्च जैसे बिंदुओं का अध्ययन करता है। इसके फलस्वरूप ही सातवें वेतन आयोग में वेतनमान स्तर के लिए पहली बार पे मैट्रिक्स का उपयोग किया गया था। 

इससे पहले छठे वेतन आयोग ने हर वेतन बैंड के लिए ग्रेड पे की व्यवस्था लागू की थी। इस बार आयोग नया प्रतिस्पर्धी वेतन मैट्रिक्स डिजाइन कर सकता है, इसके साथ ही प्रोन्नति और वार्षिक वेतन वृद्धि को कार्यकुशलता से जोड़ सकता है।       

वेतन आयोग - कार्यकाल    वेतन वृद्धि %    न्यूनतम वेतन (रुपये)

प्रथम (1946-47)                 --                             55
द्वितीय (1957-59)       14.2                            80
तृतीय (1972-73)       20.6                           196
चतुर्थ (1983-86)       27.6                           750
पंचम (1994-97)       31.0                          2550
छठवां (2006-08)       54.0                         7000
सातवां(2014-16)       14.29                        18000

सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन के लिए 2.57 गुणांक तथा वेतनमान निर्घारण के लिए 1.86 गुणांक उपयोग किया गया था। इस बार महंगाई और ईज आफ लिविंग को देखते हुए यह गुणांक 3.0 और 2.6 से कम नहीं होना चाहिए।- एसएन सिंह, सचिव, इंडियन आर्डनेंस फैक्ट्रीज गजटेड आफिसर्स एसोसिएशन

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