संभल : 7 घंटे रहे न्यायिक आयोग के सदस्य, दर्ज किये पुलिस व जनता के बयान

हिंसा वाले इलाकों में जाकर समझा कहां क्या हुआ था? 

संभल : 7 घंटे रहे न्यायिक आयोग के सदस्य, दर्ज किये पुलिस व जनता के बयान

संभल, अमृत विचार। संभल हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग मंगलवार को दूसरी बार संभल पहुंचा। तीन सदस्यीय आयोग ने हिंसा वाले इलाकों में जाकर समझा कि 24 नवंबर को कहां क्या हुआ था। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में 7 घंटे तक मौजूद रहकर संभल हिंसा को लेकर आम जनमानस और पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किये। 1978 व अन्य साम्प्रदायिक दंगों के पीड़ितों ने भी इंसाफ की आस लेकर आयोग के सामने अपना दर्द बयान किया।

संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद प्रदेश सरकार ने हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। इस आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा को बनाया गया है जबकि रिटायर्ड  डीजीपी एके जैन व रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद आयोग के सदस्य हैं। आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा व पूर्व डीजीपी एके जैन हिंसा की जांच के लिए 1 दिसंबर को संभल पहुंचे। मंगलवार को सुबह 10:30 बजे रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा व पूर्व डीजीपी एके जैन के साथ ही तीसरे सदस्य रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव अमित मोहन संभल कोतवाली पहंचे। यहां से पैदल हिंसा वाले इलाकों में गये। मुख्य मार्गों के साथ ही उन गलियों में भी आयोग सदस्य पहुंचे जहां 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। जामा मस्जिद से टंकी की तरफ जाने वाले रास्ते पर उस जगह को देखा जहां एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला था। वहीं जिस कब्रिस्तान से पाकिस्तान निर्मित कारतूस मिले थे वहां भी न्यायिक आयोग पहुंचा।

इसके बाद आयोग के सदस्य लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन में पहुंचे। यहां हिंसा को लेकर किसी भी तरह का साक्ष्य देने व हिंसा प्रभावित लोगों के बयान दर्ज करने का सिलसिला शुरु हुआ। हिंसा के समय ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मी भी अपने बयान दर्ज कराने पहुंचे। सुबह 11:30 बजे से शाम 6 बजे तक बयान दर्ज करने का सिलसिला चलता रहा। इस दौरान आम जनता के 40 लोगों ने अपने बयान दर्ज कराये जबकि 21 पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किये गये। न्यायिक आयोग की कार्रवाई के दौरान लोक निर्माण विभाग निरीक्षण भवन पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।