दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी योगी निभाएंगे अहम भूमिका, पार्टी ने सौंपी प्रचार के लिए अहम जिम्मेदारी
लखनऊ, अमृत विचार: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा ने विशेष रूप से दिल्ली में जीत के लिए योजना तैयार की है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और सीमावर्ती बिहार के जनपदों के 20 प्रतिशत मतदाता दिल्ली में हैं। वहां जीत और हार का फैसला करने की स्थिति में मौजूद इन मतदाताओं पर योगी का अच्छा प्रभाव है। मुख्यमंत्री योगी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में चार दिन में कुल 14 सभाएं करेंगे। भाजपा के लिए योगी की ये रैलियां काफी अहम मानी जा रही है। अपने अक्रामक अंदाज के लिए जाने वाले योगी न सिर्फ पार्टी योजनाओं और कामों को जनता के सामने रखेंगे, बल्कि वो कांग्रेस और प्रदेश की मौजूदा सरकार आम आदमी पार्टी पर तीखे हमले भी करेंगे।
गौरतलब है कि पूर्वांचल के वोटरों को साधने के लिए 1998 में कांग्रेस ने शीला दीक्षित को आगे किया था। कांग्रेस को इसका फायदा मिला और 15 वर्षों तक दिल्ली में शीला दीक्षित का शासन रहा, लेकिन 2013 में दिल्ली के पूर्वांचल के मतदाता आम आदमी पार्टी की तरफ मूव कर गए। बिहार-यूपी से आने वाले इन मतदाताओं को साधने के लिए 6 पार्टियां राजनीतिक तौर पर मुखर हैं, इनमें 3 (आप, कांग्रेस और भाजपा) राष्ट्रीय पार्टी है तो 3 (आरजेडी, जेडीयू और लोजपा-आर) क्षेत्रीय पार्टी हैं। 2020 में आरजेडी ने 4, जेडीयू ने 2 और लोजपा ने एक उम्मीदवार उतारे थे। तीनों ही पार्टियों को जीत तो नहीं मिली, लेकिन उन्होंने करीब 2 प्रतिशत वोट जरूर हासिल किए।
पूर्व के निष्कर्षों को ध्यान में रखकर भाजपा ने यह योजना तैयार की है कि दिल्ली में अब मुख्यमंत्री योगी ही यूपी से आने वाले मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें सक्रिय रूप से दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार की कमान सौंपी गई है। इस बार भाजपा सत्ता में वापसी की पुरजोर कोशिश कर रही है। पार्टी किसी भी हाल में यह मौका गंवाना नहीं चाहती। यही वजह है कि भाजपा ने झुग्गी बस्तियों से लेकर महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं को अपने पाले में करने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र के पहले भाग में महिलाओं के लिए कई वादे किए और दूसरे भाग में पार्टी का फोकस इस बार शिक्षा क्षेत्र पर है। मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि दिल्ली में सत्ता में आने पर हमारी सरकार केजी से लेकर पीजी तक सरकारी संस्थाओं में मुफ्त शिक्षा देगी। साथ ही कहा कि ऑटो और टैक्सी ड्राइवर्स के लिए कल्याण बोर्ड का गठन के साथ कई अन्य वायदे भी किए हैं।
