क्यूएस इंडिया समिट 2025: CSJMU के कुलपति बोले- भारत को विरासत में मिला शिक्षा व नवाचार

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। आने वाले समय में नवाचार इस प्रकार विकसित करना है कि समाज का अंतिम व्यक्ति भी उसका लाभ उठा सके। भारत में ज्ञान और नवाचार की ऐतिहासिक परंपरा रही है। भारत को विरासत में शिक्षा और नवाचार मिला है और इसका प्रतीक नालंदा व तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों से समझा जा सकता है, जो दुनिया भर में उत्कृष्ट शिक्षा के केंद्र रहे हैं। यह बात प्रो.विनय कुमार पाठक ने गोवा में हुए क्यूएस इंडिया समिट 2025 में बोलीं। 

गोवा में तीन दिवसीय क्यूएस इंडिया समिट 2025 का आयोजन हुआ, जिसमे एआईयू के अध्यक्ष और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक विशिष्ट वक्ता के रूप में शामिल हुए। इसमे देश और विदेश से कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद् व नीति निर्माता भी इस विमर्श में शामिल हुए। कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा स्ट्रीम के तहत करीब 40 मिलियन छात्र अध्ययन कर रहे हैं। 

शिक्षा से संबंधित हमारा नवाचार, डिजिटल प्लेटफॉर्म और किफायती मॉडल या सहयोगी अनुसंधान के माध्यम से सीखना दुनिया भर में बदलाव ला सकता है। आंगनबाड़ी मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहिए। इसके माध्यम से भारत के भविष्य को निखारा जा सकता है। यह देश के भविष्य की नींव को भी मजबूत करता है। यह समाज में समानता के साथ विकास को बढ़ावा दे रहा है। तीन दिन के इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के बीच नए सहयोग स्थापित करना और मौजूदा संबंधों को मजबूत करना है।

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