AKTU: प्रोत्साहन के अभाव में स्टार्टअप के सपने हो रहे चकनाचूर, छह माह में बनेगें 150 इंक्यूबेशन सेंटर
लखनऊ, अमृत विचार: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय प्रदेश भर में अगले दो सालों में 300 इंक्यूबेशन सेंटर तैयार करने जा रहा है। जबकि अगले छह माह में इनमें से आधे बनकर तैयार हो जाएंगे। दूसरी तरफ राजधानी के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों के स्टार्टअप प्रोत्साहन के अभाव में दम तोड़ दे रहे हैं। सेंटर फॉर एक्सीलेंस और इंक्यूबेशन सेंटर का निर्माण लगभग सभी विश्वविद्यालयों में कर दिया गया है लेकिन इसका असल उद्देश्य धरातल पर नहीं उतर पा रहा है।
एकेटीयू में दो दर्जन से अधिक छात्रों के स्टार्टअप ऐसे हैं जो वास्तविक धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। इसी तरह ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में करीब डेढ़ दर्जन छात्रों के स्टार्टअप औद्योगिक शक्ल लेने से पहले ही बंद हो चुके हैं। यदि समय रहते छात्रों के स्टार्टअप को उचित सहयोग मिला होता तो इनके उत्पाद बाजार में अब तक उपलब्ध हो गए होते। कोविड काल में और उसके बाद एकेटीयू के छात्रों ने दर्जन भर से अधिक मेडिकल उपकरणों का निर्माण किया था लेकिन उनमें से अधिकांश सिर्फ डेमो तक सिमित होकर रह गए।
इंक्यूबेशन सेंटर देंगे उद्यमिता को धार
एकेटीयू में वन डिस्ट्रिक्ट, वन इंक्यूबेशन सेंटर के तहत अब तक स्थापित 100 प्री इन्क्युबेशन सेंटर स्थापित हैं। इन्क्युबेशन सेंटर में आइडिया को स्टार्टअप में तब्दील करने पर कार्य किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश भर में 300 इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना किया जाना है। एक सेंटर पर करीब 15 से 20 लाख रुपए खर्च होने हैं, जिसके लिए करीब 600 करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया जा चुका है।
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