मुरादाबाद : वित्तमंत्री के पिटारे से वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत, बढ़ा आयकर में छूट...भाजपा ने बजट को विकासपरक तो कांग्रेस-सपा, बसपा ने निराशाजनक बताया

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Published By Bhawna
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12 लाख रुपये आय टैक्स फ्री करने से झूमा हर वर्ग, कर्मचारियों ने दिल खोलकर किया स्वागत, सरकारी कर्मचारियों को आयकर में छूट मिलने पर जताई खुशी

मुरादाबाद, अमृत विचार। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से निकली खुशी से हर वर्ग झूम उठा। 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त घोषित करने से वेतनभोगी वर्ग खुश हो गया। सरकारी कर्मचारियों ने दिल खोलकर इसका स्वागत किया। वहीं पेंशनर्स ने भी बजट को अपने अनुकूल बताया। कहा कि इस बार के बजट में कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सरकार ने ध्यान रखा है।

शनिवार को प्रस्तुत केंद्रीय बजट को लेकर सबसे अधिक वेतनभोगी वर्ग और महिलाओं में खासी उत्सुकता रही। कर्मचारियों को महंगाई के दौर में आयकर की कटौती की पड़ रही मार से राहत की आस थी। जो वित्तमंत्री ने पूरी कर बड़ी छूट दे दी। उन्होंने कर्मचारियों की उम्मीद से अधिक अपने पिटारे से खुशियां दे दी। दस लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने की उनकी मांग से आगे जाकर वित्तमंत्री ने 12 लाख रुपये सालाना की आय को कर के दायरे से बाहर कर दिया। इतनी सीमा तक की आमदनी कर मुक्त होने से सरकारी व निजी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों ने काफी राहत ली। इस वर्ग ने दिल खोलकर वित्तमंत्री के बजट की सराहना की। हालांकि टैक्स स्लैब को लेकर आशंका भी रही।

आम बजट में अपेक्षा से अधिक आयकर सीमा को बढ़ाते हुए 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया गया है। जो स्वागत योग्य है। हम इसके लिए केन्द्र सरकार और वित्तमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। इसके अलावा घोषित हुए बजट में शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक योजना को शुरू करना एक अच्छा कदम है।-राहुल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ महानगर

प्रथम दृष्टया ऐतिहासिक बजट प्रतीत हो रहा है। इनकम टैक्स स्लैब में इतनी बड़ी हाइप कभी देखी नहीं गई है। लेकिन फिर भी यह बात समझ में नहीं आ रही है कि जब 12 लाख रुपए तक के इनकम वालों को कोई टैक्स नहीं देना है, तो 4 लाख 8 लाख 12 लाख 16 लाख का स्लैब बनाने की क्या आवश्यकता है। टैक्स स्लैब से सीधा लाभ होता नहीं दिख रहा है।-गोपीकृष्ण, प्रांतीय कार्यालय सचिव उत्तर प्रदेश मिनिस्टीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ

केंद्रीय बजट का हम स्वागत करते हैं। हालांकि शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च करने की जरूरत है। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में 6.65% की वृद्धि के साथ ₹1,28,650 करोड़ के आवंटन का स्वागत है। यह बजट शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विस्तार, डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहन, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।-जोगेंद्र पाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (माध्यमिक संवर्ग)

यह बजट बहुत अच्छा हैं। इसमें सबके साथ सेवानिवृत्त कर्मियों को भी राहत दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों व मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में बड़ी राहत मिली है। यह मोदी सरकार का सराहनीय कदम है। आयकर में कटौती से लेकर बचत योजनाओं में निकासी तक कई नियमों में बदलाव किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत देते हुए वित्तमंत्री ने ब्याज पर कर कटौती की सीमा 50,000 रुपये से दोगुनी कर 1 लाख रुपये कर दी है। इसका स्वागत है।-रविकांता जायसवाल, सेवानिवृत लिपिक, गोकुलदास हिंदू गर्ल्स डिग्री कालेज

भाजपा ने बजट को विकासपरक तो कांग्रेस, सपा, बसपा ने बताया निराशाजनक
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किए बजट को लेकर जन सामान्य के साथ ही राजनीतिक दलों में भी उत्सुकता रही। सत्तापक्ष के अलावा विपक्ष के नेता भी बजट पर नजरें टिकाए रहे। जब बजट में किए गए उपाय सामने आने लगे तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसे ऐतिहासिक, विकास परक, सबके लिए हितकारी बताया। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस, बसपा, सपा के नेताओं ने इसे निराशाजनक करार दिया। कहा कि बजट के नाम पर केवल जुमलेबाजी की गई है। किसानों, नौजवानों के विकास की बात केवल जुबानी है। किसान व मध्यम वर्ग को छला गया है। कहा बजट दिवास्वप्न साबित होगा।

यह देश के भविष्य के निर्माण और विकसित भारत के लिए समर्पित बजट है। किसान व कामकाजी वर्ग को समर्पित इस बजट में मध्यम वर्ग को भी बड़ी राहत प्रदान की गयी है। यह बजट युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब हैं। यह मजबूत भविष्य की गारंटी है। यह विकसित भारत का बजट समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाएगा। एक विकसित भारत की नींव रखेगा। इस उत्कृष्ट बजट के लिए देश का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूरदर्शी सोच वाले बजट के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार। - आकाश पाल, जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

यह बजट किसान विरोधी है। बजट में किसान, युवाओं और नौजवानों के लिए कुछ नहीं है। केंद्र सरकार इस तरह का बजट लाकर केवल उद्योगपतियों को फायदा देना चाहती है। जहां गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग इतने लंबे समय से कर रहा है, वहां किसानों को कर्ज का छलावा दिया गया है। देश के लिए अहम किसानों को फिर बजट में छला गया है। जबकि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता गांव की गलियों से होकर जाता है। किसानों के नलकूप के बिलों को बढ़ा दिया गया है। युवाओं को पढ़ाई लिखाई और नौकरियों के बारे में सरकार को सोचना चाहिए था। प्राइवेट व निजी कॉलेज और इंस्टीट्यूट में छूट का प्रावधान होना चाहिए था।- जयवीर सिंह यादव, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी

यह दिशाहीन बजट है। इसमें किसी वर्ग को कुछ नहीं मिला। इस बजट में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश का नाम तक नहीं लिया गया। यह दिखावे का बजट है। इस बजट से गरीब और गरीब होगा, अमीर और अमीर होता जाएगा। देश के किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन, बजट में एमएसपी तक की बात नहीं की गई। - अनुभव मेहरोत्रा, महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी

लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफ़ी त्रस्त है। देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, सड़क, पानी, शिक्षा का अभाव है। इसे दूर करने का उपाय बजट में नहीं है। भाजपा सरकार का भी बजट कांग्रेस की तरह ही राजनीतिक स्वार्थ का अधिक व जन और देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों है। - निर्मल सिंह सागर एडवोकेट, जिलाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी

बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ा दी गई है। अब 3 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। इससे 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी के काम से जुड़े लोगों को फायदा होगा। 12 लाख तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा, यह मोदी सरकार की गारंटी है।- प्रदीप सक्सेना, एडवोकेट, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा किसान मोर्चा

बजट में बढ़ती महंगाई पर अंकुश न लगने से आमजन, गरीब व मध्यम वर्ग त्रस्त ही रहेगा। जरूरत के सामान पर महंगाई पर रोक न लगने से किचन का खर्च बढ़ेगा। खाद्य पदार्थों की महंगाई आम आदमी पर और बोझ बनेगी। बजट में सिर्फ कर्ज बांटने की बात है। मंदी के दौर में कर्ज से मुक्त कैसे होंगे इस पर कोई सोच नहीं है। ऑनलाइन कारोबार पर रोक न लगने से मंदी और बढ़ेगा। - धर्मेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष, भारत रक्षा सेना

यह मध्यम वर्गीय लोगों का स्वर्णिम बजट है। आम लोगों की कल्पना से अधिक 12 लाख तक की आय आयकर से मुक्त होना, मोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एलसीडी आदि पर एक्साइज ड्यूटी की छूट देना, जीवन रक्षक दवाओं पर एक्साइज कम करना बड़ा कदम है। युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में 1000 मेडिकल की सीट और 6500 आईआईटी की सीट की बढ़ोतरी, किसानों के क्रेडिट कार्ड को 3 लाख से 5 लाख करना वास्तव में आम जनता ने इतनी छूट की अपेक्षा ही नहीं की थी। - रवि चौधरी, जिलाध्यक्ष सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी

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