अयोध्या : कैनाल से दूर हुई घाघरा, सूख रही किसानों की फसल

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Published By Vinay Shukla
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अयोध्या, अमृत विचार : घाघरा नदी के पानी से चलने वाले रौनाही पंप कैनाल का अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है। गर्मी शुरू होते ही कैनाल ने जवाब दे दिया। नदी इतनी सूख गई कि पंप कैनाल को खींचने के लिए पानी ही नहीं रह गया। कैनाल के आधा दर्जन मोटर चालित पंप बेकार साबित हो रहे हैं। इसके सहारे खेती करने वाले दर्जन भर से ज्यादा गांव के किसानों की खड़ी रवी की फसल सूख रही है। इनके माथे पर चिंता की लकीरें देख बाढ़ खंड ने खुदाई कर नदी की जल धारा करीब तक लाने का प्रयास शुरू किया है। पानी स्थल क्षेत्र शमशान घाट के पास से पंप तक खोदाई अभी चल रही है। 

आजादी से पहले वाष्प विद्युत गृह सोहावल को चलाने हेतु पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए इस पंप कैनाल की स्थापना 1937 में की गई थी। पावर हाउस समाप्त हो जाने के बाद इसका अस्तित्व केवल नहर के किनारे स्थित गांव के किसानों की खेती को पानी पहुंचाने तक सीमित रह गया लेकिन अब प्रकृति के कोप से यह भी दूभर लग रहा है और किसानों की खेती के लिए यह पंप कैनाल बेचैनी का सबब बन बैठा है।         रौनाही, ढमवा, मंगलसी, रमपुरवा, कुर्मी पुरवा, साल्हेपुर, निमैचा, शेख अलाउद्दीनपुर, गढ़ा, नसीरपुर, कटरौली आदि से जुड़े लगभग 300 हे0 भूमि की खेती दांव पर लगी है।

इनकी खड़ी गेहूं, गन्ना, सरसों, चना, मटर, चरी आदि सब सूख रही है। किसान राम सिंह, राम अंजोर, जगदंबा, संतराम, खालिद, अहमद आदि कहते हैं इसे बड़ी नहर शारदा सहायक से जोड़ा गया है लेकिन वह भी सूखी पड़ी है। अवर अभियंता रौनाही पंप कैनाल अनुज कुमार ने बताया कि बाढ़ खंड ने खोदाई कर दूर जा चुकी नदी को पंप के करीब लाने की कोशिश शुरू की है। इसमें अभी पखवारा भर से ज्यादा समय और लग सकता है। पानी की उपलब्धता होते ही कैनाल चालू हो जाएगी।

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