एलन मस्क को झटका, अमेरिकी अदालत ने USAID के कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के आदेश पर लगाई अस्थायी रोक

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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वाशिंगटन। अमेरिका की एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क को झटका देते हुए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के आदेश पर शुक्रवार को अस्थायी रोक लगा दी। अमेरिकी जिला न्यायाधीश कार्ल निकोल्स ने उस आदेश पर भी रोक लगाने पर सहमति दी जिसमें यूएसएआईडी के हजारों विदेशी कर्मचारियों को अपने परिवार समेत अमेरिका लौटने के लिए सिर्फ 30 दिन का समय दिया गया है।

 न्यायाधीश ने कहा कि दोनों ही आदेश से अमेरिकी कर्मचारियों और उनके परिवार के सामने अनिश्चिता की स्थिति आ गई है। निकोलस ने विदेश में काम करने वाले कर्मचारियों की स्थिति की ओर इशारा किया कि ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी और विदेश में इसके कार्यक्रमों को बंद करने की जल्दबाजी में कुछ कर्मचारियों की सरकारी ईमेल और अन्य संचार प्रणालियों को भी खत्म कर दिया जिसकी उन्हें स्वास्थ्य या सुरक्षा आपातकाल को लेकर अमेरिकी सरकार से संपर्क करने के लिए जरूरत होती है। 

यूएसएआईडी कर्मचारियों को सरकारी खर्च पर अमेरिका लौटने के लिए दी गई 30 दिन की समयसीमा पर रोक लगाने को लेकर सहमति जताते हुए निकोलस ने एजेंसी के कर्मचारियों के बयानों का हवाला दिया। कर्मचारियों ने कहा था कि दशकों से विदेश में रहने के कारण अमेरिका लौटने के लिए उनके पास कोई आवास नहीं है और साल के बीच में ही उनके बच्चों की पढ़ाई छूट जाएगी तथा अन्य कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ेगा। न्यायाधीश ने दो संघीय कर्मचारी संघों के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें छह दशक पुरानी एजेंसी और उसके कार्यक्रम को बंद करने के लिए सहायता राशि रोकने के ट्रंप के आदेश को अस्थायी तौर पर रोक लगाने के लिए कहा गया था। 

न्यायाधीश के फैसले से पहले यूएसएआईडी के सोशल मीडिया पर ट्रंप ने कहा, ‘‘इसे बंद कर दें।’’ ‘अमेरिकन फॉरेन सर्विस एसोसिएशन’ और ‘अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज’ ने दलील दी कि ट्रंप के पास अमेरिकी संसद की मंजूरी के बिना एजेंसी को बंद करने का अधिकार नहीं है। डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने भी यही तर्क रखा। 

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