veterinary doctor ambulance 1962 : बिना डॉक्टर के पशुओं का इलाज कर रहे MTP, बीमार बेजुबानों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा विभाग

Amrit Vichar, Lucknow : पशुपालन विभाग की अनदेखी बेजुबानों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। बीमार पशुओं के इलाज के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्बुलेंस इमरजेंसी सेवा की तरह मोबाइल वेटेनरी यूनिट-1962 (एम्बुलेंस) सेवा की शुरूआत की थी, ताकि कॉल किए जाने के ठीक घंटे भर के भीतर मोबाइल वैन पशुपालकों और निराश्रित पशुओं की सेवा के लिए शिकायतकर्ता के दरवाजे पर दस्तक देगी। सरोजनीनगर के राजकीय पशुचिकित्सालय में सम्बद्ध मोबाइल वैन को बुलाना बेहद संघर्षशील है। वैन का संचालन करने वाली कंपनियों की मनमानी और पशुचिकित्सकों के रवैये पशु दम तोड़ देते हैं।
बैगर डॉक्टर की निगरानी में पशुओं का चल रहा इलाज
दरअसल, पशुपालन विभाग लखनऊ मंडल में कुल 116 मोबाइल वेटेनरी यूनिट हैं। जो शहर व तहसील स्तर पशु चिकित्सालयों में सम्बद्ध हैं। वहीं, सरोजनीनगर राजकीय पशुचिकित्सालय की मोबाइल वेटेनरी यूनिट (एम्बुलेंस) बीते एक सप्ताह से डॉक्टर की निगरानी के बगैर गांवों में कैंप लगाकर या फिर निर्धारित रूट पर बीमार पशुओं का इलाज में जुटी है।
सोमवार को वैन चालक और एमटीपी (मल्टी टास्क पर्सन) ने नेवा, पहाड़पुर गांव में कैंप लगाकर बीमार पशुओं का इलाज किया है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। आलाधिकारी जानकर भी अन्जान हैं। नियमानुसार मोबाइल वेटेनरी यूनिट में चालक, एमटीपी और पशुचिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाती है। बिना पशुचिकित्सक के बीमार पशुओं का इलाज करना दंडनीय अपराध है। बावजूद इसके अनट्रेंड एमटीपी बेजुबानों का इलाज कर रहे हैं। कहीं, न कहीं इस खेल के पीछे पशुविभाग का भी कोई मकसद छिपा है। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पूरे ब्लॉक के लिए वैन मिलती है, जो गांवों में कैंप लगाकर बीमार पशुओं का इलाज करती है। हालांकि, चिकित्सालय परिसर में खड़ी होती है। जिसकी मॉनिटरिंग डायल 1962 के माध्यम से होती है। कहाकि, डॉक्टर के बिना बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है, तो यह गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी।
पशुचिकित्सक की पशुक्रूरता का वीडियो हुआ था वायरल
गौरतलब है कि 26 जनवरी को बीकेटी राजकीय पशुचिकित्सालय से अटैच मोबाइल वैन को एक बीमार श्वान के इलाज के लिए खदरा में बुलाया गया था। इस दौरान पशुचिकित्सक डॉ. सौरभ का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में पशुचिकित्सक श्वान के साथ क्रूरता के साथ इलाज करते दिखाई पड़े थे। पशुचिकित्सक की इस हरकत को देख पशु प्रेमियों ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई किए जाने की भी मांग की थी। फिलहाल, आलाधिकारियों ने पशुचिकित्सक का पक्ष लेते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया था।
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