मुरादाबाद : शब-ए-बरात...मस्जिदों में की इबादत, गुनाहों से मांगी माफी....अपनों की कब्रों पर जाकर पढ़ी फातिहा

मुरादाबाद, अमृत विचार। गुरुवार को शब-ए-बरात पर मुसलमानों पूरी रात जागकर इबादत की और कब्रिस्तान जाकर अपनों की कब्र पर फातिहा पढ़ी। पूरी रात मस्जिदों में मुसलमानों ने अल्लाह की बारगाह में अपने गुनाहों की माफी मांगी। मुस्लिम समाज में शब-ए-बरात की रात बड़ी अहम और इबादत की रात मानी जाती हैं। इस रात मुसलमान पूरी रात मस्जिदों में इबादत कर अपने गुनाहों की अल्लाह से माफी मांगते हैं। वहीं कब्रिस्तान जाकर अपने बुजुर्गों की कब्रों पर फातिहा पढ़कर उनके लिए दुआएं मगफिरत करते हैं। जिसके चलजे गुरुवार की सुबह से ही महानगर से लेकर देहात इलाकों में शब-ए-बरात की तैयारी की गई।
शाम होते ही मुसलमानों ने मस्जिदों का रुख किया। सभी ने रात में ईशा की नमाज अदा की। जिसके बाद कब्रिस्तान जाकर अपने बुजुर्गों की कब्र पर फातिहा पढ़ी। कब्रिस्तान में हाजरी के बाद सभी मुसलमान पूरी रात जागे और मस्जिदों में नफल और इबादत की। इस दौरान मुसलमानों ने अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगी और मगफिरत की दुआ की। देर रात में महानगर की जामा मस्जिद व कचहरी वाली मस्जिद समेत महानगर की अन्य मस्जिदों में सामूहिक दुआ हुई। जिसमें लोगों ने रो-रोकर दुआ की। नायब शहर इमाम मुफ्ती फहद अली ने बताया कि शब-ए-बरात की पूरी अल्लाह की रहमत बरसती है। अलगे दिन रोजा रखने पर बड़ा सवाब मिलता है।
इबादत कर रखा नफली रोजा
शब-ए-बरात पर पूरी रात इबादत करने के बाद नफली रोजा रखा जाता है। जिसके तहत गुरुवार को पूरी रात जागने के बाद मुसलमानों ने इबादत कर 5 बजकर 20 मिनट पर सहरी खाकर रोजा रखा। जिसके बाद फर्ज की नमाज अदा की। शुक्रवार शाम को मगरिब की अजान पर रोजा खोला जाएगा।
जगह-जगह हुआ जलसों का आयोजन
गुरुवार सुबह से ही शहर व देहात इलाकों में इबादत वाली रात शब-ए-बरात के लिए जलसों के आयोजन की तैयारियां शुरू कर ली गई थी। रात में महानगर के मुगलपुरा, करुला, चक्कर की मिलक, मोहल्ला किसरोल, प्रिंस रोड, ईदगाह का मैदान और अन्य स्थानों पर दीनी जलसों का आयोजन हुआ। जिसमें उलमाओं ने मुसलमानों से नबी के बताए रास्ते पर चलने की अपील की।
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