साल में दस महीने खेलने से चोटों का खतरा और बढेगा, कपिल देव ने भारतीय क्रिकेटरों के चोटिल होने की बढ़ती घटनाओं पर जताई चिंता
कोलकाता। विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेटरों के चोटिल होने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए इसकी वजह व्यस्त कैलेंडर को बताया जिसमें खिलाड़ी साल में करीब दस महीने तक खेलते हैं। बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी इन दिनों खिलाड़ियों के रिहैबिलिटेशन का केंद्र बन गया है जहां खिलाड़ी अभ्यास से ज्यादा समय रिकवरी में बिता रहे हैं। भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस कड़ी में ताजा नाम बन गए हैं जिन्हें कमर की चोट के कारण सिडनी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट से बाहर रहना पड़ा।
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए प्रारंभिक टीम में शामिल होने के बावजूद बुमराह अंतिम टीम से बाहर हो गए। मोहम्मद शमी 14 महीने तक चोट के कारण बाहर रहे। 1983 विश्व कप विजेता कपिल ने यहां टाटा स्टील गोल्फ पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा, मुझे चिंता यही है कि वे साल में दस महीने खेल रहे हैं। यह पूछने पर कि क्या चैम्पियंस ट्रॉफी में बुमराह की कमी खलेगी, कपिल ने खिलाड़ियों से चोटिल खिलाड़ियों पर निर्भर रहने की बजाय एक दूसरे का सहयोग करने पर फोकस रखने के लिये कहा । उन्होंने कहा, उसके बारे में बात क्यो करना जो टीम में नहीं है । यह टीम का खेल है और टीम को जीतना है , व्यक्तियों को नहीं। यह बैडमिंटन, टेनिस या गोल्फ नहीं है । हम चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम खेल में भाग ले रहे हैं। अगर हम टीम के तौर पर खेलेंगे तो जरूर जीतेंगे।
कपिल ने कहा, आप कभी नहीं चाहते कि आपके मुख्य खिलाड़ी चोटिल हों लेकिन अगर ऐसा होता है तो कुछ कर नहीं सकते। भारतीय टीम को शुभकामनायें। भारत को पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश से खेलना है । कपिल ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में उदीयमान प्रतिभाओं को देखकर वह काफी रोमांचित हैं। उन्होंने कहा, जब आप युवाओं को देखते हैं तो उनका आत्मविश्वास अविश्वसनीय है । हम जब इस उम्र के थे तो हममे इतना आत्मविश्वास नहीं था। उन्हें मेरी शुभकामनायें।
ये भी पढ़ें : SL vs AUS : कुसल मेंडिस की शतकीय पारी, श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 174 रनों से हराया और सीरीज भी जीती
