मौसम में उतार-चढ़ाव कर रहा बीमार, अस्पतालों में इंफेक्शन के 20 फीसद मरीज बढ़े
लखनऊ, अमृत विचार: फरवरी के दूसरे सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव हो रहा है। दिन में गर्मी और रात में ठंड होने से लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में गले में इंफेक्शन के कारण खांसी व सर्दी-जुकाम के साथ ही वायरल बुखार और जोड़ों में दर्द के मरीज बढ़ गए। अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या में 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। ठीक होने में एक सप्ताह तक का समय लग जा रहा। चिकित्सकों का मानना है कि थोड़ी सी जागरूकता से हम इस बीमारी से बच सकते हैं।
एक हफ्ते से बढ़ रहे हैं वायरल और गले में इंफेक्शन के मरीज
हजरतगंज स्थिति डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल के फिजिशियन डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया इधर करीब एक सप्ताह से ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। दरअसल, सुबह-शाम ठंड है, लेकिन दिन में मौसम सामान्य होने के चलते लोग गर्म कपड़े पहनने से गुरेज करते हैं। जिसके कारण वह सर्दी की चपेट में आ जाते हैं। वहीं, इस समय प्रदूषण भी बढ़ा हुआ है। इससे गले में इंफेक्शन आसानी से हो जा रहा। लोगों को सलाह है कि अभी गर्म कपड़े जरूर पहनें। जब भी घर से बाहर निकले तो मास्क जरूर लगाएं।
बलरामपुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. हिमांशू चतुर्वेदी ने बताया जब भी मौसम में परिवर्तन होता है तो वायरल बुखार और सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर खुद को बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सकता है। साथ ही बच्चों का भी विशेष ध्यान रखना है। बलरामपुर अस्पताल के ही इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. सर्वेश ने बताया कि वायरल बुखार के साथ सर्दी खांसी और लूज मोशन के मरीजों में इजाफा हुआ है। गले में इंफेक्शन के भी मरीज आ रहे हैं। लोकबंधु अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले ऐसे मरीजों को बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा। खानपान में सावधानी बरतें। बासी भोजन कतई न खाएं। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर चिकित्सक की सलाह जरूरी है। अपने मन से दवाएं न खाएं।
बच्चों का भी रखें विशेष ध्यान
वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल (डफरिन) के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान का कहना है कि मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें गर्म कपडे पहनाकर रखें, ठंडी चीजों को खाने के लिए न दें, कुछ दिनों तक रात में में पंखा न चलाएं। लापरवाही से बच्चे निमोनिया के शिकार हो सकते हैं। सर्दी-खांसी और बुखार उन्हें परेशानी में डाल सकता है।
काढ़ा से भी मिलेगी राहत
टूड़ियागंज स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डॉ. धर्मेंद ने बताया कि दिन में गर्म और सुबह-शाम ठंड का ये मौसम बुखार, जुकाम और खांसी-गले में खराश जैसी दिक्कतों का कारण बन सकती है। ऐसे खान पान और सेहत का ख्याल रखना ही इसका बचाव है। वहीं, इसका इलाज लोगों के किचन में ही मौजूद है। गले को इंफेक्शन से बचाने के लिए गुनगुने पानी के अलावा काढ़े का सेवन लाभकारी है। हालांकि लोगों को काढ़ा लेने की सही मात्रा की जानकारी न होने पर यह नुकसानदेह हो जाता है। उन्होंने बताया कि 80 एमएल पानी में मुलेठी, दालचीनी, कालीमिर्च, अजवाइन और पुराना गुड़ थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर उसे उबाल लें। जब पानी की मात्रा 20 एमएल बचे तब उसका सेवन करना चाहिए। यह काढ़ा दिन में दो बार, सुबह-शाम लेना चाहिए। इसके अलावा प्रदूषण से बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं।
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