Kanpur सेंट्रल पर श्रद्धालुओं के सैलाब से बिगड़ते बचे हालात, कैंट व सिटी साइड से भीड़ स्टेशन आने से रोकी गई, जूझते रहे अफसर
कानपुर, अमृत विचार। सेंट्रल स्टेशन पर महाकुंभ में प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं का सैलाब सूझबूझ और सतर्कता से नियंत्रित करने में जुटे रेलवे अफसरों के हाथ-पांव देर रात दो बजे भीड़ को बेकाबू होते देखकर फूल गए। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना से सबक लेते हुए तत्काल भीड़ प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए गए। पुलिस कमिश्नर से बात करके एक घंटे के लिए कैंट व सिटी साइड से श्रद्धालुओं की भीड़ स्टेशन आने से रोकी गई। क्यूआरटी ने प्रवेश द्वारों पर मुस्तैदी से मोर्चा संभाला। आरपीएफ, जीआरपी के साथ पीएसी ने जूझकर स्थिति बिगड़ने से बचाई।
सेंट्रल स्टेशन पर शनिवार रात इंतजाम नाकाफी साबित हुए। अधिकारियों के अनुसार इसकी वजह उम्मीद से कई गुना ज्यादा भीड़ उमड़ना रहा। दो दिन में छह लाख से ज्यादा श्रद्धालु सेंट्रल पर मौजूद रहे। सभी मेमू रैक चलाने के बाद शनिवार रात एक बजे से रविवार सुबह 8 बजे तक 16 मेमू स्पेशल चलाई गईं। पूरी रात हालात यह रहे कि जैसे ही भीड़ नियंत्रित की जाती, श्रद्धालुओं का दूसरा सैलाब आ जाता। ऐसे में भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए प्रयागराज से लौटे दिल्ली रूट के श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोककर रविवार दिन में रवाना किया गया।
सुबह तक डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह, स्टेशन अधीक्षक अवधेश द्विवेदी, जीआरपी इंस्पेक्टर ओएन सिंह, आरपीएफ प्रभारी बीपी सिंह प्लेटफार्मों पर धक्का-मुक्की बचाने के लिए जूझते रहे। डिप्टी सीटीएम ने बताया कि सेंट्रल स्टेशन पर भीड़ और दिल्ली स्टेशन पर हुए हादसे को देखते 28 फरवरी तक हाईअलर्ट किया गया है। अतिरिक्त पीएसी लगाई गई है। भीड़ को पहले होल्डिंग एरिया में रोका जा रहा है। इसके बाद ट्रेनों की स्थिति देखकर प्लेटफार्म से रवाना किया जा रहा है। 24 घंटे में 87 मेला स्पेशल प्रयागराज के लिए चलाई गई हैं। 26 मेमू स्पेशल से दिल्ली रूट के श्रद्धालुओं को भेजा गया है। यह सिलसिला लगातार जारी है। सभी रूटों पर मेमू स्पेशल भेजी जा रही हैं। रविवार को भी सेंट्रल से तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ के लिए रवाना हुए हैं।
प्लेटफार्म बदलने से ट्रैक पर कूदे लोग
रविवार शाम चार बजे प्लेटफार्म तीन पर आ रही मेला स्पेशल के अचानक छह पर आने की घोषणा हुई तो श्रद्धालु फुटओवर ब्रिज के बजाय सिर पर सामान रखकर ट्रैक पर कूद पड़े। यह नजारा देखकर कुछ देर को सुरक्षा कर्मी घबरा गए। स्थिति संभालना मुश्किल हो गया।
तीन महिलाएं बेहोश, मेडिकल कैंप भेजा
शनिवार रात श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में फंसकर प्लेटफार्म तीन पर अलीगढ़ निवासी प्रभा व राजेश्वरी समेत तीन महिलाएं बेहोश हो गईं। सुरक्षा जवान तीनों महिलाओं को स्ट्रेचर पर मेडिकल कैंप लेकर भागे, जहां उपचार के बाद उन्हें होश आया।
चौरीचौरा निरस्त, टॉयलेट फुल, लटककर गए लोग
शनिवार को चौरीचौरा एक्सप्रेस में हुए जमकर हंगामे के बाद रविवार को ट्रेन निरस्त रही। मेमू और मेला स्पेशल जहां ठसाठस भरी रहीं, वहीं नियमित ट्रेनों ब्रह्मपुत्र, महानंदा, सीमांचल के टॉयलेट और गलियारे में भी पैर रखने की जगह नहीं मिली। राजधानी एक्सप्रेस तक मंन श्रद्धालुओं ने कब्जा कर लिया।
प्लेटफार्मों पर घूमे जिलाधिकारी, परखी सुरक्षा व्यवस्था
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह रविवार सुबह स्टेशन पहुंचे। कैंट व सिटी साइड के साथ हर प्लेटफार्म पर हालात का जायजा लिया। फुट ओवरब्रिज, एस्केलेटर की क्षमता और आवागमन के रास्तों को देखा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के हर बिंदु परखने के बाद महाकुंभ तक स्टेशन पर एडीएम सिटी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। आरपीएफ व जीआरपी अधिकारियों ने प्लेटफार्मों पर क्षमता से ज्यादा भीड़ बढ़ने पर कैंट व सिटी साइड में रोकने को कहा। इस पर जिलाधिकारी ने सहमति जताई।
