पीलीभीत: गुरमीत के खर्च हुए पांच लाख, मिला..11 दिन सेफ हाउस की कैद और बेड़ियां...
डिपोर्ट होकर घर पहुंचा तो परिवार को मिली राहत
माधोटांडा/ पीलीभीत, अमृत विचार। विदेश में नौकरी करने और वहां बसकर डॉलर कमाने की चाह में तमाम लोग अपनी जगह-जमीन बेच रहे हैं। अमेरिका से लौटे इन युवाओं ने कभी भी सोचा नहीं था कि उन्हें इस कदर बेड़ियों और हथकड़ियों में बांधकर वापस भेजा जाएगा। अभी तक पीलीभीत करीब पांच लोग अमेरिका से डिपोर्ट किए जा चुके हैं। इनमें तीन लोग आ चुके हैं। माधोटांडा और गजरौला की महिला भी डिपोर्ट कर दिए गए हैं। यह लोग डंकी रूट के जरिये अमेरिका पहुंचे थे। रविवार रात डिपोर्ट किया गया माधोटांडा का गुरमीत सोमवार रात घर पहुंच गया।
पुलिस उन्हें लेकर अमृतसर से वापस आ आई और परिजन के सुपुर्द कर दिया। इसको लेकर खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है। उनके आने के बाद पूछताछ की गई तो पता चला कि पांच लाख के खर्च के बाद 11 दिन की कैद और बेड़ियां ही मिली। फिर वापस अपने घर आ गए तो परिजन ने राहत महसूस की है। बता दें कि अमेरिका से डंकी रुट से पकड़े गए लोगों में एक बार फिर पीलीभीत जिले के माधोटांडा थाना क्षेत्र केसरपुर गांव का रहने वाला गुरमीत सिंह पकड़ा गया है। जोकि डंकी रुट से अमेरिका पहुंचा था। वहां उसे दस्तावेज न होने के कारण अमेरिका सेना ने हिरासत में ले लिया था। सोमवार को अमृतसर में डिपोर्ट किया गया। जिससे लेने के लिए उसका परिवार पुलिस के साथ पहुंचा। गुरमीत सिंह के भाई सुखविंदर सिंह से हुई बातचीत में पता चला कि उसने तीन माह पहले खुद ही बीजा अप्लाई किया था। शुरुआत में 10 से 15 हजार रुपये खर्च किए थे। इसके बाद वहां पहुंचने के लिए करीब पांच लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन वह पकड़ गया। अमेरिका में वर्ष 2012 से उसके बड़े भाई बूटा सिंह रह रहे हैं। इसलिए वह भी नौकरी करने के लिए गया था। गांव में माता-पिता और सुखविंदर और गुरमीत रह रहे थे। उसके वापस आने के बाद परिजन ने राहत महसूस की। इधर, डिपोर्ट की गई कोतवाली सदर क्षेत्र के शिवनगर कॉलोनी निवासी श्वेता ढिल्लो और उनके दस वर्षीय बेटे के पहुंचने पर सोमवार को पुलिस ने उनसे पूछताछ की। पुलिस के अनुसार उन्होंने स्वयं बीजा और पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया था। हालांकि महिला ने किसी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया।
चार फरवरी को धरा..15 को किया डिपोर्ट
डंकी रूट से अमेरिका में घुसने की कोशिश में धरा गया गुरमीत अब अपने घर वापस आ चुका है। उसने कुछ अधिक तो नहीं बताया मगर ये बताया कि उसका बीजा जर्मनी तक का था। मगर उसे तो अमेरिका पहुंचना था। उस पर वह डंकी रूट पर चल दिया। चार फरवरी को वह सेना के हत्थे चढ़ा और 11 दिन तक सेफ हाउस में था। उसके बाद 15 फरवरी को डिपोर्ट किया गया और अब सोमवार को आ गया है। हालांकि वह अधिक जानकारी देने से बचता रहा।
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