लखीमपुर खीरी: खेती की जमीन हथियाना चाहते थे चचेरे भाई, इसलिए देवेंद्र को मार डाला

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Published By Pradeep Kumar
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। थाना उचौलिया क्षेत्र के गांव डुडौलिया में चार दिन पहले हुए देवेंद्र हत्याकांड का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा करते हुए मुख्य हत्यारोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी बरामद की गई है। पुलिस का दावा है कि जमीन के लालच में दो चचेरे भाईयों ने एक चाचा के कहने पर देवेंद्र की कुल्हाड़ी से प्रहार कर हत्या की थी और शव कमरे में बंद कर दिया था। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का चालान भेजा है।
 
एएसपी पश्चिमी नैपाल सिंह ने बताया कि 15 फरवरी की दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में देवेंद्र का शव बंद कमरे के अंदर लहूलुहान अवस्था में मिला था। पिता अशोक ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ब्लाइंड मर्डर के पर्दाफाश के लिए पुलिस की कई टीमें काम कर रही थी। पुलिस ने खुलासा को लेकर कई लोगों से गहनता के साथ पूछताछ भी की। फॉरेंसिक जांच व सीडीआर के  साथ ही अन्य चीजों के माध्यम से पुलिस नजर बनाए हुए थी। जांच के दौरान पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। इस पर उचौलिया पुलिस टीम ने डुडौलिया में दबिश देते हुए देवेंद्र के चचेरे भाई करन सिंह को उसके घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। 

कृषि भूमि हथियाने को की थी हत्या
पुलिस के मुताबिक देवेंद्र सिंह की कृषि भूमि हथियाने के लिए उसने पारिवारिक चाचा विजय सिंह व उसके बेटे राजू सिंह के साथ मिलकर हत्याकांड की साजिश रची गई। जिसके बाद देवेंद्र के घर में ही शराब पिलाकर जब वह नशे में हो गया। तभी करन ने कुल्हाड़ी से प्रहार कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने करन के घर पर मौजूद विजय कुमार सिंह व चचेरे भाई राजू सिंह को भी गिरफ्तार किया है। 

अब 11 साल का बेटा एक लौता वारिस
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी बरामद की है। देवेंद्र की मौत के बाद उसका 11 वर्षीय पुत्र अंश ही एकमात्र वारिस बचा है। देवेंद्र की छोटे भाई पंकज की पहले ही सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। उसकी पत्नी व बच्चे पहले से ही उसकी ससुराल ग्राम लोधी थाना बघौली जिला हरदोई में रहते थे। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों का चालान भेजा है। 

खुलासे को लेकर घिरी उचौलिया पुलिस 
देवेंद्र अपनी पत्नी व बच्चों के साथ अपनी ससुराल में रहने लगा था। जिसके बाद से मुख्य आरोपी करन कि उसके घर मे आवाजाही अधिक बनी रहती थी। घर के कार्यो बाजार आदि कई कार्यो को वह जिम्मेदारी के साथ निभाता था। देवेंद्र के भाई की कई वर्ष पूर्व सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। ऐसे में अशोक सिंह के दोनों बेटों की मौत के बाद देवेन्द्र का 11 वर्षीय पुत्र अंश उसके परिवार का वारिस है। इस स्थित में कानूनन जमीन कैसे कोई और ले सकता है? जबकि पुलिस जमीनी लालच को घटना का कारण बता रही है। 

मृतक के माता-पिता ने भी उठाए सवाल
मृतक देवेंद्र के पिता अशोक सिंह व मां सुमन ने राजू सिंह को आरोपित बनाये जाने पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि राजू कभी भी ऐसा नहीं कर सकता है। वह तो हमेशा उसके सुख-दुख में साथ रहता था। उसे पुलिस गलत फंसा रही है। पुलिस के खुलासे पर एक और सवाल यह उठ रहा है कि अशोक सिंह के दोनों बेटों की मौत के बाद देवेन्द्र का 11 वर्षीय पुत्र अंश उसके परिवार का वारिस है। इससे पुलिस की कहानी मृतक के माता-पिता और परिवार के लोगों के गले नहीं उतर रही है।

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