अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 : बिल संशोधन को लेकर भड़के अधिवक्ता, तहसीलों में नारेबाजी
Ayodhya, Amrit Vichar: अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 के विरोध में तहसील रुदौली के अधिवक्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकला। बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने तहसील प्रांगण से रजिस्ट्री ऑफिस होते हुए भेलसर चौराहा क्षेत्राधिकारी ऑफिस होते हुए तहसील में राष्ट्रपति को संबोधित 8 सूत्रीय मांग पत्र एसडीएम को सौंपा।
बार अध्यक्ष गोरखनाथ तिवारी कहा कि प्रस्तावित संशोधन अधिनियम में बीसीआई में केंद्र सरकार को तीन सदस्यों की नियुक्ति करने का अधिकार दिए जाने से इस स्वसाशी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। केंद्र सरकार अधिवक्ताओं को निर्देश जारी करने के लिए इसमें प्राविधान कर रही है। महामंत्री रविंद्र तिवारी ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 में नई धारा 24 बी के तहत 3 वर्ष के स्थान पर 7 वर्ष या उससे अधिक का दंड प्रावधान अधिवक्ता के लिए किया जा रहा है।
अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 26 सी और डी का विलोपन किया जा रहा है जो अनुचित है। वहीं उपजिलाधिकारी प्रवीण यादव ने बताया की मांग पत्र प्राप्त हुआ है। उचित माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा जा रहा है। इस मौके पर अधिवक्ता अब्दुल जब्बार, भोला तिवारी, कुलभूषण यादव,अब्दुल हई खान, कमरुद्दीन अहमद, ललित यादव, रमेश तिवारी, चंद्रेश पाण्डेय, वीरेंद्र यादव, वेद तिवारी, विजय कुमार, समरपाल सिंह यादव, ज्वाला रावत अधिवक्ता मौजूद रहे।
काली पट्टी बांध अधिवक्ताओं ने जताया विरोध
बार कौंसिल उत्तर प्रदेश के आह्वान पर सरकार के विरुद्ध सोहावल बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को अपनी बांह में काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। संघ अध्यक्ष विनय श्रीवास्त्व महामंत्री अरुण दुबे और कोषाध्यक्ष हेमंत दुबे की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में पैदल मार्च कर नारेबाजी किया। कार्य से विरत रहने का निर्णय लेते हुए उपजिला अधिकारी को देने वाले ज्ञापन और 25 फरवरी को आंदोलन को बड़ा रूप देने की रणनीति बनाने की बैठक की।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अधिवक्ता हितों को लेकर आंदोलन की राह पर है। आगामी 25 तारीख को इसे और बड़ा करते हुए रजिस्ट्री कार्यालय तक बढ़ाया जाएगा। पूर्व संघ अध्यक्ष अनूप कुमार पाण्डेय, सुधीर कुमार मिश्रा, राम यज्ञ तिवारी लखन अधर त्रिपाठी अजीत कुमार पांडेय आदि शामिल रहे।
